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यूपी के तीर्थस्थलों को पर्यटन बना कर कमाई बढ़ाने पर केंद्र का जोर…केंद्र सरकार तीर्थस्थलों को टकसाल बनाने से ज्यादा उसकी पवित्रता पर ध्यान दे-रामगोविंद चौधरी

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

केंद्रीय बजट में पर्यटन सेक्टर से कमाई करने और रोजगार को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश के धार्मिकस्थल, तीर्थस्थल को टकसाल के रूप में देख रही है, क्योंकि प्रदेश न सिर्फ धार्मिक, आध्यात्मिक बल्कि ईको टूरिज्म भी तेजी से बढ़ रहा है। अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने, मथुरा में वृंदावन कॉरिडोर, प्रयागराज में कुंभ क्षेत्र के विस्तार, चित्रकूट, नैमिषारण्य, कुशीनगर, श्रावस्ती, आगरा, गोंडा के स्वामी नारायण छपिया आदि धार्मिक-आध्यात्मिक स्थलों व पर्यटनस्थलों के विकास के बाद पर्यटकों की संख्या में काफी उछाल आया है। वर्ष 2023 में जहां कुल 48 करोड़ देशी-विदेशी पर्यटक उत्तर प्रदेश आए वहीं वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर लगभग 65 करोड़ हो गई है। इसमें भी विदेशी पर्यटकों की संख्या 16 लाख से बढ़कर 22 लाख हुई है।
पर्यटन विभाग के अनुसार, एक पर्यटक प्रत्यक्ष रूप से छह लोगों को रोजगार देता है। ऐसे में प्रदेश में आने वाले लाखों पर्यटक कई लाख लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए सहयोग करने से इसे और बढ़ावा मिलेगा। सीए सूरज श्रीवास्तव कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। इसमें भी धार्मिक पर्यटन उन्हें काफी आकर्षित कर रहा है। यह सबसे ज्यादा अस्थायी रोजगार भी देता है।उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों में सरकार की बढ़ती पर्यटन नीति के विशेषज्ञ व लखनऊ विश्वविद्यालय में ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर डॉ बिपिन पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश के सर्वश्रेष्ठ 50 पर्यटन स्थलों के विकास की घोषणा की गई है। इससे प्रदेश में पर्यटन विकास को और गति मिलेगी, क्योंकि यूपी में विश्व के महत्वपूर्ण देवभूमि हैं, जो नये पर्यटन क्षेत्र के प्रथम आकर्षण बन कर उभरा है। यहां पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, केंद्र का सहयोग इसमें और उपयोगी होगा।
उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना- 2 के तहत नैमिषारण्य, प्रयागराज व महोबा का चयन किया गया है। इसके तहत धनराशि भी स्वीकृत हो गई है। केंद्रीय बजट में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों के विकास पर फोकस किया गया है। यूपी में कुशीनगर, संकिसा, श्रावस्ती, सारनाथ, कपिलवस्तु आदि भगवान बुद्ध से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल हैं। ऐसे में केंद्रीय बजट में यूपी को काफी कुछ मिला है। इससे न सिर्फ रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी। बजट मध्यम वर्ग और नौकरी-पेशा के लिए राहत देने वाला है।
केंद्रीय बजट से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी बहुत असंतुष्ट रहे। उन्होंने कहा कि सरकार धार्मिक, आध्यात्मिक और पौराणिक स्थलों की पवित्रता बनाये रखने पर ध्यान दे। सरकार स्थाई रोजगार की व्यवस्था करने की जगह तीर्थस्थलों को टकसाल बनाने में लगी है। नरेंद्र मोदी सरकार श्रद्धालु और पर्यटक में कोई अंतर नहीं मानने को तैयार है। श्रद्धालुओं का खान पान संयमित होता है, जबकि पर्यटकों को कुछ भी खाने-पीने की कोई रोक नहीं रहती। प्रधानमंत्री यूपी के हवाई अड्डों, रेलवे की तरह तीर्थस्थलों को उद्योगपतियों के हवाले करना चाहते हैं।

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