सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव-२०२४ के नतीजे घोषित हो चुके हैं। भले ही बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए को २९२ सीटें मिली हों, लेकिन इस अधूरी हार के कारण अब भाजपा को सरकार बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
ऐसे में अब सबकी निगाहें बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्राबाबू नायडू पर टिकी हैं। जेडीयू के खाते में १२ और टीडीपी के खाते में १६ सीटें आई हैं। दोनों को मिलाकर कुल २८ सीटें होती हैं, जो मौजूदा परिस्थिति में बेहद महत्वपूर्ण हो गई हैं। ऐसे में भाजपा को सहारे की सरकार पर ही निर्भर रहना होगा। नतीजे आने के बाद तो सहयोगी दलों ने भी अपने नखरे दिखाने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, नायडू भाजपा के साथ विभिन्न स्तरों पर बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार हैं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पद के साथ विभिन्न मंत्रालयों की भी मांग की हैं। कहा जा रहा है कि चंद्राबाबू नायडू ने वित्त, सड़क परिवहन, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, आवास और शहरी मामले, कृषि, जलशक्ति, आईटी और संचार के साथ ही शिक्षा मंत्रालय उन्हें देने को कहा है।
बता दें कि नतीजे आने के २४ घंटे के भीतर ही भाजपा की सहयोगी पार्टियों ने अपनी-अपनी शर्तें रखनी शुरू कर दी हैं। चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के सहयोगी दल इस बार उसके सामने कुछ खास शर्तें रख सकते हैं।
टीडीपी चीफ चंद्राबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतिश कुमार की इंडिया गठबंधन के साथ संपर्वâ में होने की चर्चा है। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, `जल्द ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।