सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव में महायुति को बहुमत मिला है जबकि महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है। महायुति को बहुमत मिलने के बाद राज्य में महायुति की सरकार बनेगी। सरकार बनाने को लेकर फिलहाल महायुति के नेताओं की हलचलें तेज हैं। दरअसल, २३ नवंबर को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए। उसके पांच दिन बाद भी राज्य में सरकार का गठन नहीं हो सका है। सरकार बनाने के लिए बड़ी चाल चली रही हैं। लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। पहले चर्चा थी कि एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा किया है। हालांकि, प्रेस काॅन्फ्रेंस कर एकनाथ शिंदे ने एलान किया कि दिल्ली में बीजेपी नेता जो फैसला लेंगे, वह उन्हें मंजूर होगा।
उधर, अजीत पवार ने भी साफ किया कि उनका भी यही रुख है। इसके बाद दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के साथ बैठक होगी। इसलिए इस बैठक के बाद क्या ठोस निर्णय लिया जाता है यह सामने आ जाएगा। इस बीच एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद से दावेदारी छोड़ने के बाद कहा जा रहा है कि बीजेपी की ओर से देवेंद्र फडणवीस के नाम का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। इसलिए मुख्यमंत्री किसे नियुक्त किया जाएगा? कई लोगों ने इस पर गौर किया है।
इसी पृष्ठभूमि में भारतीय जनता पार्टी के नेता चंद्रकांत पाटील ने कल एक सांकेतिक बयान देकर देवेंद्र फडणवीस की चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री पद पर उठे सवाल पर चंद्रकांत पाटील ने कहा है कि बीजेपी हमेशा नए नेतृत्व की तलाश में रहती है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है।
चंद्रकांत पाटील ने क्या कहा?
भारतीय जनता पार्टी हमेशा नए नेतृत्व की तलाश में रहती है। पार्टी की लगातार कोशिश है कि नया नेतृत्व आगे आए। ये हमारी पार्टी की विशेषताएं हैं। इसलिए मुझे नहीं पता कि वे राजस्थान और मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी प्रयोग करने जा रहे हैं या नहीं, चंद्रकांत पाटील ने मीडिया से बात करते हुए यह कहा। इस बीच, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमें नहीं पता कि वे राजस्थान और मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी प्रयोग करने जा रहे हैं या नहीं। उनके इस बयान का वास्तव में क्या मतलब है? इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में तर्क-वितर्क हो रहे हैं।