सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में पिछले कुछ दिनों से मौसम में बदलाव दिखाई दे रहा है। इस तरह से बदलता मौसम अपने साथ रोगों के सौगात को भी लाया है। शहर में कभी गर्मी तो कभी बारिश और उमस से नागरिक परेशान हो रहे हैं। वहीं इसके चलते मुंबईकरों की सेहत बिगड़ने लगी है और वे वायरल फीवर और श्वसन संबंधी संक्रमण से त्रस्त हैं। परिणामस्वरूप मुंबई के अस्पतालों की ओपीडी में आनेवाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में बारिश तो जारी है, लेकिन पिछले चार दिनों में गर्मी भी काफी बढ़ गई है। कुछ इलाकों में कुछ मिनटों की हल्की बारिश के बाद फिर धूप दिखाई दे रही है। गर्मी और बारिश के खेल में नमी की मात्रा भी बढ़ गई है। मौसम में आया बदलाव अब स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा है। लोग वायरल बुखार के शिकार हो रहे हैं। वे बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द से पीड़ित हैं। चिकित्सकों का कहना है कि बुखार अचानक १०३ से १०४ डिग्री तक पहुंच जा रहा है। जेजे अस्पताल के फेफड़ा रोग के विशेषज्ञ डॉ. रोहित हेगडे ने कहा कि बरसात का मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है। विशेषतौर पर जलजमाव के कारण मच्छर जनित रोगों का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इस स्थिति से सिर्फ डेंगू-मलेरिया और दूषित जल जनित पेट के रोगों का ही खतरा नहीं होता है, यह अस्थमा और एलर्जी जैसी श्वसन संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ा सकता है।
ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी
चिकित्सकों के मुताबिक, सांस संबंधी संक्रमण और बुखार के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा लोग स्वाइन फ्लू, डेंगू और मलेरिया से भी पीड़ित हो रहे हैं। इन शिकायतों को लेकर ओपीडी में आनेवाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। वायरल बुखार होने पर अन्य नागरिकों से संपर्क में कम आना चाहिए। हाथों को धोना और स्वस्थ भोजन खाना चाहिए। साथ ही डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लेनी चाहिए।