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लोड शेडिंग मोड में चार्जिंग स्टेशन …१०० चार्जिंग स्टेशन ‘करंट’ के इंतजार में

सामना संवाददाता / मुंबई
२०१८ में ठाणे मनपा (टीएमसी) ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए १०० चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना बनाई थी। केंद्र सरकार ने २०३० तक देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़ा नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन ठाणे की यह योजना चार साल बाद भी ‘लोड शेडिंग’ मोड में फंसी हुई है।
ठाणे क्षेत्रीय परिवहन विभाग के आंगड़ों के अनुसार, २०१८ से अब तक शहर में १ लाख से ज्यादा नए वाहनों का पंजीकरण हुआ, लेकिन इनमें से केवल ४ हजार वाहन ही इलेक्ट्रिक हैं। इसका सबसे बड़ा कारण चार्जिंग स्टेशन की कमी है। ऐसे में जनता पूछ रही है कि जब चार्जिंग स्टेशन ही नहीं हैं, तो ई-वाहन खरीदकर करें क्या? २०१८ में मनपा ने दो निजी कंपनियों से करार किया था। कंपनियों ने न केवल चार्जिंग स्टेशन बनाने का वादा किया, बल्कि ई-वाहन के लिए कर्ज सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया था।
टीएमसी ने भी बड़ी-बड़ी घोषणाएं कीं, लेकिन अब तक न तो जगह तय हुई, न ही स्टेशन की नींव रखी गई। लगता है टीएमसी और कंपनियों ने यह सोचकर योजना बनाई कि करंट अपने आप आ जाएगा। केंद्र सरकार २०३० तक देश में ई-वाहनों का दबदबा देखना चाहती है, लेकिन ठाणे में चार्जिंग स्टेशन का सपना पूरा होने की रफ्तार देखकर लगता है कि २०३० क्या, ३०३० तक भी यह योजना अधूरी रह सकती है। ठाणेवासियों का सवाल है, ‘जब २०१८ से अब तक सिर्फ घोषणाएं ही हुई हैं, तो २०३० तक ये चार्जिंग स्टेशन धरातल पर आ जाएंगे। या फिर यह योजना भी फ्यूज हो जाएगी।

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