अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबई में आम लोगों के मकानों का सपना साकार करने के लिए म्हाडा के मकान दूर की कौड़ी बन गए है। यानी म्हाडा के मकानों की कीमतों में इतना इजाफा हो गया है कि आम नागरिकों से म्हाडा का मकान लेना असंभव दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि अन्य सालों की अपेक्षा इस बार म्हाडा के मकान के लिए आवेदन कम आए हैं।
म्हाडा द्वारा घोषित लॉटरी के लिए इस बार आवेदनों की संख्या पिछले सालों की तुलना में कम देखी जा रही है। २०२३ में ४,०८२ घरों के लिए १,४५,८४९ आवेदन प्राप्त हुए थे, जबकि इस साल २०३० मकानों के लिए केवल १,३४,३५० आवेदन आए हैं। इसके बावजूद म्हाडा के पास आरक्षित राशि और आवेदन शुल्क के रूप में ५२८ करोड़ रुपए जमा हो गए हैं।
मुंबई मंडल की इस लॉटरी के लिए आवेदन प्रक्रिया ९ अगस्त से शुरू हुई थी। अंतिम दिन गुरुवार १९ सितंबर तक १,३४,३५० आवेदन मिले, जिसमें से १,१३,५७७ लोगों ने आरक्षित राशि और ५०० रुपए का आवेदन शुल्क भरकर अपना आवेदन किया। इसके माध्यम से म्हाडा के पास ५२८ करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। हालांकि, इस बार पिछले सालों की तुलना में आवेदनों की संख्या कम रही है।
अत्यधिक कीमतों की वजह से घटे आवेदन
लॉटरी के तहत मुंबई शहर और उपनगरों में २०३० घरों की बिक्री के लिए योजना बनाई गई थी। शुरू में म्हाडा को उम्मीद थी कि आवेदनों की संख्या पहले की तरह ही बढ़ेगी, लेकिन निजी डेवलपर्स से मिले घरों की ऊंची कीमतों के कारण आवेदकों में उदासीनता देखने को मिली। मुंबईकरों के इस निरुत्साह के बीच आवास मंत्री अतुल सावे ने २८ अगस्त को ३७० घरों की कीमतें २५ प्रतिशत तक कम करने की घोषणा की थी, जिसके बाद आवेदन करने वालों की संख्या में अचानक उछाल आ गया।
सालाना तुलना:
२०१८: १३८४ घरों के लिए १,६४,००० आवेदन
२०१९: २१७ घरों के लिए ६५,००० आवेदन
२०२३: ४०८२ घरों के लिए १,४५,८४९ आवेदन
२०२४: २०३० घरों के लिए १,३४,३५० आवेदन