राजेश जायसवाल / मुंबई
यूं तो आजकल ५ और १० रुपए के सिक्के की कोई वैल्यू नहीं है, लेकिन माहिम पुलिस ने वैष्णो देवी की तस्वीर वाला एक सिक्का देने के नाम पर साढ़े आठ लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है। ७८ वर्षीय वरिष्ठ नागरिक, जिन्हें पुराने सिक्के इकट्ठा करने का शौक है, उन्हें सिक्के की कीमत ९ लाख रुपए बताई गई थी। मामले में बीएनएस और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।
माहिम पुलिस ठाणे के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुधाकर शिरसाट ने बताया कि शिकायतकर्ता माहिम में अपनी बुजुर्ग बहन के साथ रहते हैं और उन्हें पुराने सिक्के इकट्ठा करने का शौक है। २६ जून को उन्होंने फेसबुक पर संजीव कुमार नाम के एक व्यक्ति का विज्ञापन देखा। विज्ञापन में वैष्णो देवी की तस्वीर वाले पांच रुपए के सिक्के को ९ लाख रुपए देने का दावा किया गया था, जिसके बाद उन्होंने संजीव कुमार से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया। तब उन्हें बताया गया कि सिक्का ९ लाख रुपए में ही मिलेगा। शिकायतकर्ता द्वारा सिक्का खरीदने और फिर से बेचने के लिए सहमत होने के कुछ दिनों बाद संजीव कुमार ने उनका आधार कार्ड और फोटो मांगा, फिर उसने उनसे जीएसटी पंजीकरण के लिए कुछ राशि भेजने को कहा। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। आरोपी ने शिकायतकर्ता को ट्रांसफर एग्रीमेंट, सेल्स टैक्स, रिटर्न फाइलिंग, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, जीपीएस, टीडीएस और इंश्योरेंस जैसे कई दस्तावेज भेजे। इन सभी दस्तावेजों के लिए शिकायतकर्ता को अलग-अलग बैंक खातों में भुगतान करने के लिए कहा गया। शिकायतकर्ता ने आरोपी के बताए अनुसार, विभिन्न बैंक में कुल आठ लाख अट्ठावन हजार जमा दिए। यह रकम भेजने के बावजूद संजीव कुमार ने वैष्णो देवी की तस्वीर वाला पांच रुपए का सिक्का नहीं भेजा। शिकायत के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू किया है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने साल २०१२ में ५ और १० रुपए के सिक्के जारी किए थे। इन पर वैष्णो देवी की तस्वीर बनी हुई थी। कुछ लोगों का मानना है कि ऐसे सिक्के लकी होते हैं। यही वजह है कि नीलामी में भी लोग मुंह मांगे दाम पर ऐसे सिक्कों को खरीदते हैं।