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‘लाडली बहनों’ के लिए किसानों के साथ छल! …‘घाती’ सरकार ने मोड़ा फंड

-पीड़ित परिवारों को सहायता बंद
सुनील ओसवाल / मुंबई
सत्ता की हनक में चूर राज्य की ‘घाती’ सरकार ने त्योहारी सीजन में लाडली बहन योजना के चलते गरीबों के राशन के फंड में कटौती कर दी है। गरीबों को ‘आनंदचा शिधा’ योजना के तहत राशन दिया जाता है। इसके साथ ही ‘घाती’ सरकार ने अब आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों की आर्थिक मदद करना भी बंद करने का निर्णय लिया है। इस तरह से ये सरकार एक योजना का पैसा बंद कर उसे दूसरी योजना में डाल रही है। इससे ‘घाती’ सरकार के प्रति लोगों में भारी नाराजगी है। बता दें कि सरकार को ‘लाडली बहन योजना’ के लिए करीब ४५ हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता है इसलिए राज्य सरकार ने अन्य योजनाओं और विभागों के लिए धन में कटौती शुरू कर दी है। ‘आनंदचा शिधा’ की तरह अब इसका असर आत्महत्या पीड़ितों के परिवारों पर भी पड़ने लगा है। राज्य के राजस्व और वन विभाग ने गत ३ सितंबर को आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों की मदद के लिए आपातकालीन निधि की मंजूरी रोकने के लिए एक परिपत्र जारी किया।
मुख्यमंत्री बनने के बाद एकनाथ शिंदे ने किसानों को आत्महत्या से मुक्ति दिलाने का संकल्प लेने की बात कही थी। पर हकीकत में सरकार किसानों की आत्महत्या रोकने में विफल रही है। पिछले छह महीने में विदर्भ और मराठवाड़ा में करीब १०३० किसानों ने आत्महत्या की है। किसी किसान की आत्महत्या के बाद जिला स्तरीय समिति उस परिवार को मदद दिलाने का काम करती है। उस कमेटी की रिपोर्ट के बाद आत्महत्या करने वाले पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से १ लाख रुपए की सहायता दी जाती है।

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