सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पाकिस्तान की ढहती अर्थव्यवस्था के बीच आतंकवाद से जुड़ी घटनाएं और सुरक्षा व्यवस्था की कमी देश की शाहबाज शरीफ सरकार के लिए और बड़े संकट पैदा कर रही हैं। आलम यह है कि जहां पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज लेने में बड़ी समस्याएं आ रही हैं, वहीं उसके कई मददगार साथी देशों ने भी अब उसे आर्थिक मदद देने से इनकार कर दिया है। अब पाकिस्तान के सबसे करीबी मददगार चीन की ओर से भी शरीफ सरकार को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, यहां चीनी नागरिकों द्वारा चलाए जा रहे कई व्यापारों को सुरक्षा कारणों से बार-बार बंद कराया जा रहा है, जिसके चलते दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में संकट आ सकता है।
पाक में चीनी व्यापारियों के साथ सैतेला व्यवहार
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की कराची पुलिस आतंकी हमलों से बचाव के लिए मजबूरी में बार-बार अस्थायी तौर पर चीनी नागरिकों के व्यापार को बंद करा रही है। ऐसा कर के पाकिस्तान की पुलिस पहले से आतंकी हमलों की वजह से खराब हो चुके अपने रिश्तों को संभालने की कोशिश कर रही है। हालांकि, इसका दूसरा असर चीनी व्यापारियों और दोनों देशों के आर्थिक संबंधों पर पड़ने लगा है। बीते महीने ही चीन ने इस्लामाबाद स्थित अपने दूतावास में कॉन्स्यूलर सेक्शन को बंद कर दिया था। इसके साथ ही चीन ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात को लेकर भी चेतावनी जारी की थी और हर स्थिति के लिए अलर्ट रहने को कहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चीन ने कई बार पाकिस्तान को चेतावनी भी जारी की है लेकिन इसका असर यह हुआ है कि शरीफ सरकार अब सुरक्षा व्यवस्था को लेकर छुई-मुई रवैया अपनाने लगी है और छोटे अलर्ट्स पर भी चीनी नागरिकों के व्यापारों को बंद करने लगी है।
कर्ज को माफ करने का बना रहा दबाव
रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार चीनी नागरिकों के बिजनेस बार-बार बंद करा कर बीजिंग पर अपने बड़े कर्ज को माफ करने या उन्हें चुकाने की समयसीमा बढ़ाने का दबाव बनाना चाहती है। इसके लिए शरीफ सरकार चीन के व्यापार को प्रभावित करने से भी गुरेज नहीं कर रही।
आर्थिक निवेशों को भी हथियाने की साजिश
दूसरी तरफ पाकिस्तान के कई नागरिकों को शक है कि चीन उनके देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाकर उसकी जमीन पर कब्जा करने की जुगत में है। साथ ही ड्रैगन उसके अहम संसाधनों और आर्थिक निवेशों को भी हथियाने की साजिश रच रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की सरकार और प्रशासन के लिए लोगों में पनप रही चीन-विरोधी भावनाओं को रोकना भी काफी मुश्किल हो गया है। नतीजतन पुलिस छोटे-मोटे अलर्ट पर भी चीनी नागरिकों और उसके संस्थानों को लेकर चुस्ती से काम कर रही है। हालांकि, इससे फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा हो रहा है।