सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में स्वास्थ्य विभाग का कामकाज रामभरोसे चल रहा है। बीते कई दिनों से मुंबई समेत महाराष्ट्र के लगभग सभी जिलों में सामान्य से अति मूसलाधार बारिश भी हो रही है। इस बार भले ही बारिश देरी से हुई है, लेकिन यह अपने साथ मौसमी बीमारियों को भी लाई है। इन्हीं में से एक चिकनगुनिया भी है, जिसके बीते १८८ दिनों में २९७ मामले सामने आए हैं। इसमें अकेले मुंबई शहर में करीब २३ फीसदी यानी ६९ मामले दर्ज किए गए हैं।
मुंबई मनपा समेत राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग भी दम भर रहा है कि मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए किए गए तमाम उपायों के चलते पूरी तरह से स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन प्रत्यक्ष स्थिति ठीक इसके विपरीत दिखाई दे रही है।
निगरानी और स्क्रीनिंग के निर्देश
जब वेक्टर जनित बीमारियों में वृद्धि को देखते हुए वर्तमान में राज्यभर के सभी जिलों में निगरानी और स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता मैथ्यू के अनुसार, मानसून का मौसम शुरुआती चरण में है। ऐसे में अभी से ही वेक्टर और जलजनित बीमारियों की शिकायत के साथ मरीज इलाज कराने के लिए अस्पताल में पहुंच रहे हैं। अधिकांश रोगियों में खांसी, सर्दी और बुखार जैसे वायरल संक्रमण के लक्षण देखे जा रहे हैं। इसमें डेंगू और मलेरिया के भी मामले हैं।