-आदिवासी नाबालिग गर्भवती किशोरी की मौत…पुलिस ने दस लोगों पर किया केस दर्ज
योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
पालघर जिले के ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले आदिवासियों में आज भी बाल विवाह एक बड़ी समस्या है। यहां कुछ दिन पहले ही एक बालिका को वधू बनाया गया था, जिसके गर्भवती होने पर मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के मोखाड़ा इलाके में स्थित अस्पताल में एक गर्भवती आदिवासी किशोरी की मौत हो गई। यह किशोरी कातकरी समुदाय से थी। मौत के बाद पता चला कि यह लड़की सिर्फ १६ साल की थी। उसे गर्भवस्था से संबंधित परेशानियां आने के कारण मोखाड़ा के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किया गया था। पुलिस ने मृतका के पति सहित १० लोगों पर पॉक्सो अधिनियम सहित बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
लड़की को हुईं
गर्भावस्था से जुड़ी परेशानियां
मिली जानकारी के मुताबिक, २१ वर्षीय जयेश रामदास नामक आरोपी दो साल से इस लड़की से संबंध बना रहा था। इस दौरान वह गर्भवती हो गई। जब लड़की के घर वालों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इन दोनों की शादी करा दी। बताया जाता है कि यह लड़की कम उम्र में गर्भवती हुई थी इसलिए गर्भावस्था में उसे कई परेशानियां आ रही थीं। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने २२ जून को पति सहित उन सभी लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, जो नाबालिग लड़की की शादी में उपस्थित थे।
ग्रामीण इलाकों में नहीं थम रहे मामले
बता दें कि पालघर जिले के कुछ आदिवासी समुदायों में बाल विवाह आम है, किशोर युवावस्था में पहुंचने पर एक साथ रहना शुरू कर देते हैं, जिससे बाल विवाह की समस्या अभी बनी हुई है। पालघर में बालिकाओं को वधू बनने से रोकने में सरकार और प्रशासन दोनों ही विफल हैं। इसके अलावा यह भी सवाल उठता है कि आदिवासी समुदाय आमतौर पर कस्टमरी लॉ से चलते हैं। इस मामले में लड़की के परिवार ने कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई है, तो क्या अदालत में यह मामला टिक पाएगा?