सामना संवाददाता / मुंबई
लेझिम, महाराष्ट्र का पारंपरिक लोकनृत्य, एक समृद्ध ऐतिहासिक महत्व रखता है। कभी छत्रपति शिवाजी महाराज के युग में सैन्य प्रशिक्षण के रूप में उपयोग किया जाने वाला यह नृत्य अब एक जीवंत कला रूप में विकसित हो चुका है, जो ऊर्जा और एकता का प्रतीक है। महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाला लेझिम अपनी तालबद्ध गतिविधियों और रंगीन प्रस्तुति से आज भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध करता है।
सोनासरोवर ट्रस्ट के बच्चों ने 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के अवसर पर गार्डन नंबर 2, लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स, अंधेरी वेस्ट, मुंबई में एक शानदार लेझिम प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह प्रदर्शन भारत की सांस्कृतिक विविधता के जोशीले उत्सव में समुदाय को एक साथ लाने में सफल रहा।
सोनासरोवर ट्रस्ट वंचित बच्चों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। ट्रस्ट कई गतिविधियों का आयोजन करता है, जिनमें शैक्षणिक कोचिंग, शिक्षा, पौष्टिक भोजन कार्यक्रम, स्वास्थ्य देखभाल पहल, खेल, योग, अंग्रेजी कक्षाएं, कंप्यूटर प्रशिक्षण, अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियां और रंगमंच कार्यशालाएं शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य बच्चों को सशक्त बनाना और उन्हें अपनी पूरी क्षमता का पता लगाने का अवसर प्रदान करना है।