एक बार फिर चीन की चालबाजी देखने को मिल रही है। हिंदुस्थानी महिलाओं के साथ हो रहे चीन की कालाबाजारी का हाल ही में पर्दाफाश हुआ है। इस खुलासे से यह बात सामने आई है कि चीन में भारतीय महिलाओं को न्यूड कॉल कर लोगों को हनीट्रैप में फंसाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। दरअसल, हाल ही में एक चौंका देनेवाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंबोडिया भेजी गईं कई महिलाओं से चीनी स्कैमर्स ब्लैकमेलिंग का काम करवा रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जबरदस्ती महिलाओं से लोगों को हनीट्रैप में फंसाने का काम करवाया जा रहा है। चीनी इन महिलाओं से भारत में फेक न्यूड कॉल करवाते हैं। इस पूरे मामले का भंडाफोड़ तेलंगाना के रहनेवाले एक शख्स ने किया है। शख्स का नाम मुंशी प्रकाश है, जो खुद चाइनीज प्रâॉड का शिकार हो चुके हैं। मुंशी मूल रूप से महबूबाबाद के बय्याराम मंडल के रहने वाले हैं। मुंशी सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक कर चुके हैं, जो एक आईटी कंपनी में कार्यरत थे। उन्होंने एक जॉब साइट्स पर विदेश में नौकरी के लिए अपनी पोस्ट अपलोड की थी। मुंशी के अनुसार उन्हें एक दिन कंबोडिया के एजेंट विजय ने कॉल कर ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए जॉब ऑफर की, जिसके बाद विजय ने ट्रैवल हिस्ट्री के बहाने उनको मलेशिया के टिकट थमा दिए। मुंशी ने बताया कि वे फ्लाइट के जरिए १२ मार्च को कुआलालंपुर पहुंचे थे। वहां से उनको नोम पेन्ह ले जाया गया था। विजय का एक आदमी उनको मिला, जिसने उनसे ८५ हजार अमेरिकी डॉलर ले लिए। बाद में उस चीनी ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और क्रोंग बावेट ले गया। यहां टॉवरों वाले परिसर में उनको रोका गया, जहां पहले से कई भारतीय मौजूद थे। यहां पर उन लोगों को तेलुगू और अन्य भारतीय भाषाओं में लड़कियों की नकली प्रोफाइल और उनका यूज करने के लिए १० दिन की ट्रेनिंग दी गई। चीनियों ने एक सप्ताह तक उनको अंधेरे कमरे में बंद कर टॉर्चर किया। वे बीमार हो गए तो उनको बाहर निकाला गया, लेकिन चीनी गलत काम करने का दबाव बनाते रहे। किसी तरह मुंशी ने अपना सेल्फ वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और अपनी चेन्नई में रह रही बहन को भेज दिया। जिसके बाद प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई।