• कुरान रखने पर की जा रही क्रूरता
• चीन कर रहा उइगरों के फोन की जांच
एजेंसी / बीजिंग
चीन अपनी दादागीरी दिखा रहा है। चीन पर एक बार फिर उइगर मुसलमानों पर अत्याचार करने के आरोप लगे हैं। चीन में मुस्लिमों के साथ कैसा बुरा बर्ताव किया जा रहा है, कितनी यातनाएं दी जाती हैं, ये दुनिया जानती है। वहां उइगर मुस्लिमों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में यह मामला सामने आया है कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को कुरान रखने पर चरमपंथी की संज्ञा दी जा रही है। यही नहीं, चीन के अधिकारियों ने उइगर मुसलमानों के फोन की निगरानी भी करना शुरू कर दिया है। महिलाओं के साथ बलात्कार और पुरुषों की नसबंदी तक की जा रही है। ह्यूमन राइट्स वॉच की हालिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शिनजियांग प्रांत की पुलिस ने ५० हजार मल्टीमीडिया फाइलें जारी की हैं। इनके आधार पर उन्होंने उइगर मुसलमानों और तुर्क मुस्लिमों को हिंसक और चरमपंथी करार दिया है।
बता दें कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी रहती है। कथित तौर पर ऐसा कहा जाता है कि ये चीन से अलग होना चाहते हैं। चीन को यही डर सता रहा है। चीन में उइगरों को काफी अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं। हालांकि, उइगर मुसलमानों की संख्या बहुत बड़ी है। ये लोग मजदूरी करते हैं। ऐसे में चीन इन्हें कहीं भगाना नहीं चाहता है।
बड़े पैमाने पर उइगर मुस्लिमों के जांचे जा रहे फोन
शिनजियांग पुलिस की वेबसाइट के लीक डेटा के अनुसार, २०१७ से २०१८ तक ९ महीनों के दौरान पुलिस ने शिनजियांग की राजधानी शहर उरुमकी में बड़े पैमाने पर उइगर मुसलमानों के मोबाइल फोन की जांच की। चीन में एचआरडब्ल्यू के कार्यवाहक निदेशक ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सर्विलांस तकनीक की मदद से बीजिंग उइगर मुसलमानों के फोन की जांच करता है। जिन लोगों के मोबाइल में कुरान मिलती है, पुलिस उनसे कभी पूछताछ शुरू कर सकती है।
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लीक हुए पुलिस डेटा से पता चला है कि उरुमकी के लगभग १,४०० निवासियों के फोन में १,००० से अधिक ऐसी फाइलें पाई गई हैं जो पुलिस की मास्टर सूची से मेल खाती थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन फाइलों में पुलिस को काफी हिंसक फोटो वीडियो और ऑडियो मिले हैं। बता दें कि १० लाख से ज्यादा उइगर चीन की कैद में इस समय हैं। शिनजियांग प्रांत में री-एजुकेशन कैंप के नाम पर मुसलमानों को प्रताड़ित किया जाता है।
बच्चियों से किए जा रहे बलात्कार
यह पहली बार नहीं है, जब किसी रिपोर्ट में इस तरह के आरोप चीन पर लगे हैं। कई रिपोर्ट्स का दावा है कि जिस री-एजुकेशन कैंप में उइगरों को रखा जाता है, वहां महिलाएं और बच्चियों से रेप होता है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, वैâदियों को कई-कई दिन तक भूखा भी रखा जाता है। इसके अलावा कैदियों की जबरदस्ती नसबंदी भी की जाती है। यहां तक की कैदियों को कोड़ों-लात, घूंसों से पीटा जाता है। कई-कई दिन तक उन्हें सोने नहीं दिया जाता है। छोटे बंकरों में भूखे-प्यासे कैद कर दिया जाता है। अगर कोई भागने की कोशिश करता है तो उसे तुरंत गोली मार दी जाती है।
रोजा रखना मना है
चीन के पूर्वी झिंजियांग स्थित रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों रमजान माह के दौरान भी उइगर मुस्लिमों के साथ चीन ने बुरा बर्ताव किया और उन्हें रोजा भी नहीं रखने दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, उइगर मुसलमानों की संस्कृति, उनकी भाषा, धर्म को कम करने के उद्देश्य से चीन ने २०१७ में रमजान के दौरान शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों को रोजा रखने पर बैन लगाना शुरू कर दिया था। इस दौरान उइगरों को ‘फिर से शिक्षित’ करने के लिए अधिकारियों ने उन्हें कैंप में बंद करना शुरू कर दिया था। इस दौरान चीनी अधिकारियों ने जरूर २०२१ और २०२२ में प्रतिबंधों में आंशिक रूप से ढील दी थी। तब ६५ साल से अधिक उम्र के मुस्लिमों को रोजा रखने की परमिशन दी गई थी। पुलिस ने घरों की तलाशी और रोड पर गश्ती की संख्या भी कम कर दी थी। रेडियो प्रâी एशिया ने एक पुलिस स्टेशन के राजनीतिक अधिकारी के हवाले से बताया कि इस वर्ष चीन की सरकार ने आयु, लिंग और पेशे को तवज्जो दिए बिना रोजा रखने पर ‘बैन’ लगाया है।