-पटना से लेकर दिल्ली तक भाजपा में मची खलबली
सामना संवाददाता / पटना
चाहे मैं किसी भी गठबंधन में रहूं, किसी भी मंत्री पद पर रहूं, जिस दिन मुझे लगेगा कि संविधान के साथ और आरक्षण के साथ खिलवाड़ हो रहा है तो मैं उसी वक्त मंत्री पद को लात मार दूंगा जैसे मेरे पिता ने मारा था। बिहार की राजधानी पटना में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के दिए गए इस बयान ने राज्य से लेकर केंद्र तक की राजनीति में खलबली मचा दी है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि चिराग पासवान ने ऐसी चेतावनी क्यों दी? क्या यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में उभरते आंतरिक मतभेदों के संकेत हैं या आरक्षण को लेकर वास्तव में उनकी राजनीतिक चिंता?
पटना के श्रीकृष्ण स्मारक हॉल में अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ की तरफ से अभिनंदन सम्मान समारोह सह संगठन समीक्षा बैठक में अपने संबोधन में चिराग पासवान ने कहा, ‘आरक्षण के मामले में कोर्ट ने कानून में बदलाव की बात की थी, जिसका विरोध मेरे पिता ने किया था। उस वक्त भी आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मेरे पिता की बात सुनी, इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूं लेकिन, जिस दिन चिराग पासवान को लगेगा कि गठबंधन में मेरे लोगों के साथ अन्याय हो रहा है, या फिर हमलोगों की बातों को सुना नहीं जा रहा है तो फिर मेरे पिता ने भी एक मिनट नहीं सोचा था मंत्री पद को लात मारने से पहले, मुझे भी नहीं लगेगा।’
बता दें कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान स्वयं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘हनुमान’ कहकर संबोधित करते रहे हैं। लेकिन, उन्होंने खुद ही आरक्षण और संविधान से छेड़छाड़ होने पर मंत्री पद छोड़ने की चेतावनी दी है। अब उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब राजनीति के गलियारों में संविधान संशोधन और आरक्षण को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं।