मरम्मत में जुटी मनपा, ८ साल पहले बनी थी सड़क
मुंबई के सबसे व्यस्ततम मार्ग में से एक चेंबूर-सांताक्रुज लिंक रोड पर एक जॉइन्ट निकलकर बड़ा-सा क्रैक (दरार) बन गया है, जिससे कोई भयानक हादसा हो सकता है। तीन दिन पहले यह क्रैक नजर आया था। घटना की जानकारी मिलते ही सड़क विभाग, मनपा और ट्रैफिक पुलिस द्वारा इसका जायजा लिया गया। हालांकि, लोगों की शिकायतों को देखते हुए इसकी मरम्मत का काम गुरुवार को शुरू किया गया है। लेकिन अब यह सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर तीन दिन तक इसकी कोई सुध क्यों नहीं ली गई? उल्लेखनीय है कि इस सड़क का निर्माण आठ साल पहले हुआ है।
गौरतलब है कि इस घटना को लेकर पहले तो मनपा ने क्रैक को छिपाने का प्रयास किया। यहां तक कि एक ब़ड़ी-सी लोहे की शीट लगाकर इसे ढंक दिया गया। लेकिन गाड़ियों के आवागमन से यह लोहे की शीट भी थोड़ी खिसक गई है और क्रैक फिर से दिखाई देने लगा है। बाद में लोगों ने पुन: शिकायत की तो यहां बेरिकेड्स लगा दिया गया, ताकि यहां से कोई वाहन नहीं गुजरे। `दोपहर का सामना’ की सिटीजन रिपोर्टर संध्या श्रीवास्तव इस मुद्दे को लेकर लगातार फॉलोअप कर रही हैं। उनका कहना है कि इस चेंबूर-सांताक्रुज लिंक रोड से लोग लोकमान्य तिलक टर्मिनस, सांताक्रुज, बीकेसी, कमानी, घाटकोपर और नई मुंबई इत्यादि इलाके में आते-जाते हैं। इसलिए यह मार्ग काफी महत्वपूर्ण है, जिसके चलते यहां से गाड़ियों की आवाजाही लगी रहती है। ऐसे में यहां दरार होने से बड़ा हादसा हो सकता था। यहां से गुजर रहे एक वाहन चालक ने बताया कि यदि वाहन चलाते समय लोगों का ध्यान थोड़ा-सा भी इधर-उधर होता है तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ऐसे में इस बारे में मनपा को सचेत होना चाहिए। यहां से आने जानेवाले वाहन चालकों का कहना है कि वे जब भी इस रास्ते से गुजरते हैं तो दरार को ध्यान में रखकर वाहन चलाते हैं। जैसे ही वह पॉइंट आता है, वे गाड़ी की स्पीड धीमी कर बगल से निकाल जाते हैं। ४५४ करोड़ की लागत से बने चेंबूर-सांताक्रुज लिंक रोड का उद्घाटन वर्ष २०१४ में किया गया था। दस साल भी पूरे नहीं हुए कि सड़क में इस तरह के क्रैक आने लगे हैं जिससे लोगों के मन में इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
तीन दिन बाद जगी मनपा
तमाम शिकायतों के बाद मनपा ने यहां पर मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। मनपा अधिकारियों का कहना है कि यह दरारें किन वजहों से आई हैं इसके पीछे के कारणों का पता नहीं लग पाया है। लेकिन इसकी मरम्मत होने से निश्चित तौर पर लोगों को इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। दरार में लोहे की छड़ों के साथ कंक्रीट आदि मटेरियल भरे जा रहे हैं।