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सिटीजन रिपोर्टर : विकास के नाम पर हो रहा है उल्हासनगर में विनाश!

उल्हासनगर

उल्हासनगर में उल्हास को देखते हुए भले ही इस शहर का नाम उल्हासनगर रखा गया हो, लेकिन अब यह शहर अपने नाम के विपरीत बनता जा रहा है। इस वक्त उल्हासनगर सिर्फ भ्रष्टाचार के मामले में विकास कर रहा है। अन्य मामलों में यह शहर विनाश की राह पर है। उल्हासनगर का प्रशासन भी ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ की मिसाल कायम कर रहा है। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर मुन्नीलाल कुशवाहा ने उल्हासनगर शहर के विकास से खिन्न होकर शहर के बनावटी विकास की पोल खोली है।
मुन्नीलाल कुशवाहा ने बताया कि उल्हासनगर में विकास के नाम पर विनाश शुरू है। उल्हासनगरवासियों को विकास का सपना दिखाकर शहर के कथित प्रशासनिक अधिकारी, नेता और ठेकेदार शहर को मानो लूट रहे हैं। उल्हासनगर शहर में सबसे अधिक घोटाला और भ्रष्टाचार कचरा उठाने, सार्वजनिक निर्माण कार्य और टैक्स जैसे तमाम विभागों में चल रहा है। प्रत्यक्ष देखा जा सकता है कि प्रभाग समिति-२ के कार्यालय के सामने सपना गार्डन की तरफ जानेवाली गटर खुली पड़ी है। इसी तरह शहाड रेलवे उड़ान पुल से पहले कल्याण की तरफ उल्हासनगर यातायात पुलिस की नई-पुरानी चौकी के बीच एक मुख्य गटर है। उस गटर का कार्य बीच में ही यानी अधूरे में ही छोड़ दिया गया है। इस गटर का कार्य एमएमआरडीए द्वारा किया जा रहा है। वहीं प्रभाग समिति कार्यालय के सामने प्राणघातक खुले गटर का बिल तो पास हो गया, परंतु काम अधूरे में ही छोड़ दिया गया है। दोनों ही जगहों की खुली अधूरी गटर में कचरा बजबजा रहा है। उल्हासनगर में काम तो ठेकेदार को दिया जाता है, लेकिन काम ठीक से हो रहा है या नहीं, इसे देखने वाला कोई नहीं है। आश्चर्य की बात तो यह है कि बजट वैâसे पास किया जाता है? उल्हासनगर में सड़क, नाली और नाले की मरम्मत को बीच में ही छोड़कर सार्वजनिक विभाग को पटाकर बिल पास करवा लेते हैं। मनपा के अधिकारी से लेकर निर्माण विभाग के लोग बीच में आर्थिक बंदर बांट कर रहे हैं। यही वजह है कि उल्हासनगर विनाश की तरफ जा रहा है। उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के स्काईवॉक की टूटी सीढ़ियां यहां की दुर्दशा को बयां कर रही हैं। दु:ख तो इस बात का है कि उल्हासनगर की दुर्दशा को देखने के बावजूद अपने आपको शहर का सुधारक कहनेवाले लोग भी आवाज नहीं उठा रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि उल्हासनगर को व्यापारिक शहर मानते हुए हर कोई उल्हासनगर को लूटने में लगा है।

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