मुख्यपृष्ठनए समाचारसिटीजन रिपोर्टर : पादचारी पुल तो है पर यात्री कहां हैं?

सिटीजन रिपोर्टर : पादचारी पुल तो है पर यात्री कहां हैं?

  • फ्लाईओवर से आने-जाने में लोग नहीं दिखा रहे दिलचस्पी

पदयात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए लाखों रुपए खर्च कर सायन के जैन सोसायटी से हनुमान मंदिर के सिग्नल तक एक फ्लाईओवर बनाया गया है। लेकिन इस फ्लाईओवर के ऊपर से जाने की बजाय लोग आज भी सड़क पार करना ही पसंद कर रहे हैं। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि या तो जनता का पैसा फिजूल ही खर्च हुआ है या फिर लोगों को इस सुविधा की कदर ही नहीं है।
गौरतलब है कि सिग्नल पर सड़क पार करनेवालों से जब `दोपहर का सामना’ की सिटीजन रिपोर्टर संध्या श्रीवास्तव ने लोगों से बात की तो बताया गया कि उन्हें ऊपर ब्रीज पर चढ़ना पसंद नहीं है। इसके अलावा कई लोग तो हेल्थ इश्यू के चलते पादचारी पुल से जाने में कतराते हैं, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि यह पादचारी पुल मूल जगह से थोड़ी दूर है, साथ ही इसकी सीढ़ियां ज्यादा ही ऊंची हैं, जिन पर चढ़ने में दिक्कत होती है। यही वजह है कि वे यहां से नहीं आते-जाते हैं। सायन के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर रोड पर एक मात्र सिग्नल मौजूद था, जहां से जीटीबी नगर से जैन सोसायटी और धारावी जानेवाले लोग, एसआईईएस कॉलेज के विद्यार्थी, लोकमान्य तिलक अस्पताल के मरीज रोड पार करते थे। इस दौरान अक्सर एक्सीडेंट हो जाते थे। इसलिए यहां पादचारी पुल की मांग की जा रही थी। लोगों की इस मांग को ध्यान में रखते हुए जनवरी २०१९ में  ७.१८ करोड़ रुपए की लागत के साथ इस पादचारी पुल के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई और पिछले महीने इसका उद्घाटन किया गया। यह पहला पादचारी पुल है, जिसके दोनों ओर एस्केलेटर लगा हुआ है ताकि सीनियर सिटीजन को पुल पर चढ़कर रोड पार करने में आसानी हो। इतना सब होने के बावजूद लोग इस पादचारी पुल की अपेक्षा पहले ही की तरह सड़क पार करते नजर आते हैं। लोगों को जितना इस पादचारी पुल के बनने का इंतजार था उतना ही लोग अब इस पुल से गुजरने से कन्नी काट रहे हैं?

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