शहर में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मनपा कई तरह की योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। लाखों-करोड़ों रुपए इन योजनाओं पर फूंके जा रहे हैं। प्रदूषण पैâलानेवाली लगभग एक हजार प्रदूषणकारी इकाइयों को बंद किए जाने और शहर के लगभग चार हजार से अधिक उद्योगों को नोटिस जारी करने का दावा किया जा रहा है। जबकि पवई-साकीनाका के खैरानी रोड पर आज भी अवैध भट्टियों से भारी प्रदूषण पैâलाने की जानकारी सामने आई है। जिसकी शिकायत मनपा और महाराष्ट्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से की गई है, लेकिन बावजूद इसके ये भट्टियां अभी भी कार्यरत हैं और क्षेत्र में धुआं ही धुआं छाया रहता है। `दोपहर का सामना’ के सिटिजन रिपोर्टर मनदीप सिंह मक्कड़ ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि कई बार शिकायत करने के बाद भी इस पर किसी तरह की कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। दो दिन ये भट्टियां बंद रहती हैं और उसके बाद फिर से शुरू हो जाती हैं। इनका धुआं दूर-दूर तक जाता है, जिसमें हजारों लोगों के फेफ़ड़ों पर इसका असर पड़ता है। मनदीप के अनुसार, इन भट्टियों में इलेक्ट्रिक तार और लोहे को जलाया जाता है, जिसके कण धुएं के साथ उड़कर दूर तक वायु में मिल जाते हैं और सांस लेते समय नाक से होते हुए फेफड़े तक पहुंच जाते हैं, जिससे बीमारियां पैâल रही हैं।
मनदीप सिंह मक्कड़ ने चांदिवली सिटीजन वेलफेयर असोसिएशन के माध्यम से इसकी शिकायत मनपा और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
गौरतलब है कि इसी वर्ष की शुरुआत में जारी की गई रिपोर्ट में सबसे ज्यादा प्रदूषित ३०० शहरों में मुंबई टॉप पर रही थी। जिसके बाद से शहर की हवा की गुणवत्ता सुधारने में प्रशासन जुट गया था और मुंबई मनपा ने अपने बजट में विशेष प्रावधान किया था