- कोने में पड़ा है प्रधानमंत्री आत्मसम्मान निर्भर निधि का तख्ता
- मनपा राष्ट्रीय उपजीविका अभियान विभाग को नहीं है सुध!
उल्हासनगर
उल्हासनगर मनपा के राष्ट्रीय उपजीविका अभियान विभाग को २०२० में प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि का एक तख्ता दिया गया था। यह तख्ता ऐसे फेरीवालों को दिया जाना था, जिन्होंने अपनी जीविका को पुन: खड़ा करने के लिए सरकार की योजना के मार्फत दस हजार रुपए लिए थे। हालांकि, इसके माध्यम से सरकार सिर्फ और सिर्फ अपनी पब्लिसिटी करना चाहती थी, जैसा कि हमेशा करती आई है। मनपा के संबंधित विभाग के मार्फत इस तख्ते को लाभार्थी फेरीवालों को दिया जाएगा, जिस पर उक्त लाभार्थी फेरीवाले व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगी है। तीन वर्ष होने को हैं, लेकिन यह तख्ता ऐसे ही कोने में पड़ा हुआ है। शायद उस तख्ते को फेरीवाले तक पहुंचाने के लिए विभाग किसी मौके का इंतजार कर रहा है या हो सकता है कि उन्हें किसी मुहूर्त का इंतजार हो? जनता के पैसे के हो रहे इस दुरुपयोग का खुलासा `दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर अनिल मिश्रा ने किया।
बता दें कि उल्हासनगर में ३,११३ फेरीवाले हैं, जो शहर में टोकरी, ठेले या फिर घूमकर सामान बेचकर अपना व अपने परिवार का पेट पालते हैं। २०२० में कोरोना महामारी के दौरान कई माह आवागमन पर बंदी थी। कई फेरीवालों की उपजीविका छिन गई, उन पर भूखों मरने की नौबत आ गई। ऐसे में केंद्र सरकार ने उल्हासनगर मनपा के राष्ट्रीय नागरी उपजीविका अभियान विभाग के मार्फत आवेदन करनेवाले १,५०० फेरीवालों को दस हजार रुपए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि के तौर पर सीधे उनके खाते में आर्थिक राशि भेजी। इसके बाद फेरीवालों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगी एक तख्ती प्रचार के लिए दिल्ली से भेजी गई। उन १,५०० तख्तियों को दिसंबर २०२० में उल्हासनगर भेजा गया था। मनपा के राष्ट्रीय नागरी उपजीविका योजना विभाग के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से भेजी गई प्रधानमंत्री की फोटो लगी तख्ती को वितरण करने का समय नहीं है। वह तख्ती कोने में कचरेनुमा डाल दी गई है। जबकि शहर में कई फेरीवालों ने इसे अपने व्यवसाय के सामने रखा है।
गौरतलब है कि उल्हासनगर मनपा के राष्ट्रीय नागरी उपजीविका अभियान विभाग की प्रमुख क्षीरसागर ने बताया कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि के फलक को जल्द ही एक कार्यक्रम का आयोजन कर सभी १,५०० फेरीवालों को वितरित किया जाएगा।