उल्हासनगर
मध्य रेलवे के उपनगरीय रेलवे स्टेशन पर करीबन पचास रेलवे स्टेशन हैं। रेलवे ने सभी जगहों पर रेल यात्रियों की सुविधा के लिए शौचालय बनाए हैं। उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के दो प्लेटफॉर्म हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि विदेशों में शौचालय में पानी के साथ-साथ टीसू पेपर भी रखा जाता है पर उल्हासनगर में स्टेशन पर बनाए गए शौचालयों में न तो पानी है और न ही टीसू पेपर। यहां के शौचालय का उपयोग करनेवाले व्यक्तियों को अपने रूमाल का इस्तेमाल करना पड़ता है। वैसे तो उल्हासनगर शहर के इस स्टेशन को रेल मंत्रालय ने विगत कई वर्ष पूर्व आदर्श स्टेशन का दर्जा दिया था। आज उल्हासनगर रेलवे स्टेशन पर व्याप्त गंदगी, असुविधा रेल मंत्रालय के आदर्श कार्य की घोषणा को कलंकित कर रही है। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर राजेश घनघाव ने उल्हासनगर रेलवे स्टेशन की स्थिति का खुलासा किया है।
राजेश घनघाव ने बताया कि उल्हासनगर रेलवे स्टेशन को मुंबई मंडल के सबसे घटिया रेलवे स्टेशनों की सूची में शामिल किया जा सकता है। उल्हासनगर के रेलवे स्टेशन पर सफाई कर्मचारी न होने के कारण इधर-उधर के सफाई कर्मचारी के सहारे सफाई शुरू है। स्टेशन पर रेलवे के मरम्मत विभाग ने वर्षों से सामान वजन करने का कांटा रखा है। स्टेशन की मुख्य इमारत तक एकदम घटिया है। स्टेशन की छत पर कचरा ही कचरा जमा है। जगह-जगह छत की दीवार गिर रही है। निर्माण विभाग ने प्लेटफॉर्म नंबर दो की वैंâटीन को खतरनाक बताकर हटा तो दिया, परंतु पुराने ढांचे को अधूरा तोड़कर ही छोड़ दिया है। स्टेशन को नारकीय दशा में तब्दील करने में सबसे बड़ा श्रेय रेलवे के निर्माण विभाग का है। शर्मनाक बात तो यह है कि उल्हासनगर रेलवे स्टेशन आदर्श स्टेशन बना है कि नहीं और किस प्रकार का आदर्श स्टेशन बना है। इसकी जांच रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी तक करने नहीं पहुंचे। उल्हासनगर रेलवे स्टेशन की दशा रेल यात्रियों की व्यथा बयान कर रही है।
उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के प्रबंधक एस.के. विश्वास ने बताया कि उल्हासनगर रेलवे स्टेशन चारों तरफ से खुला है। चोर लोग पानी की पाइप लाइन, नल के अलावा और भी सामान लेकर बेच देते हैं। रेल यात्रियों से सहयोग की जरूरत है कि कचरा कहीं पर भी न फेंके। चोर लोगों का आतंक तो इतना बढ़ गया है कि ताले और चेन से बांधकर रखी गई कचरे की बाल्टी तक गायब कर देते हैं। स्टेशन पर पानी की समस्या के लिए चोर ही जिम्मेदार हैं। नल की पाइप चुरा ले जाने के कारण पानी की टंकी से पानी बह जाता है, जिसके कारण पानी के अभाव में शौचालय की सफाई नहीं हो पाती है।