मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनासिटीजन रिपोर्टर: उल्हासनगर की बिगड़ी बिजली व्यवस्था!

सिटीजन रिपोर्टर: उल्हासनगर की बिगड़ी बिजली व्यवस्था!

उल्हासनगर

उल्हासनगर में बिजली की आंख-मिचौली इस कदर शुरू है कि बिजली कब आएगी? इसका पता नहीं रहता है। यही कारण है कि उल्हासनगर के बिजली विभाग को आज उल्हासनगर के लोग बिगड़ी विभाग का नाम दे रहे हैं। मजेदार बात तो यह है कि बिजली विभाग बिजली की खराबी, उसकी मरम्मत के लिए धन की कमी महसूस न हो, इसके लिए महंगी बिजली बिल के अलावा डिपॉजिट भी बीच-बीच में जमा करवा लेते हैं। इसके बावजूद बिजली विभाग की यंत्रणा बार-बार फेल हो जाती है। `दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर विनोद शुक्ला ने इस समस्या को उजागर किया है।

विनोद शुक्ला ने बताया कि इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। इस गर्मी में बिजली विभाग आएदिन फेल होता जा रहा है। शुक्रवार को लाइन, पोल, दुरुस्ती जैसी तमाम कारणों के चलते एक-दो घंटे नहीं बल्कि आठ-दस घंटे तक लाइट बंद कर दी जाती है। अब मानसून पूर्व पेड़ से घिरे बिजली के तार को पेड़ के संपर्क से दूर रखने के लिए छंटाई का काम चल रहा है। बिजली विभाग की सड़ी-गली व्यवस्था के कारण बिजली कब गुल हो जाएगी, कहा नहीं जा सकता है। विनोद ने बताया कि गुरुवार की रात को गई बिजली शुक्रवार को ढाई बजे शाम को आई। करीबन बारह घंटे बाद। स्थानीय लोगों का मानना है कि बिजली विभाग को अपनी सड़ी-गली व्यवस्था को सुधारना चाहिए। एक दिन बिजली का बिल लेट होने पर बिजली बिना बताए काट दी जाती है। उल्हासनगर में ओपन ओवरहेड वायर होने के कारण बिजली जब देखो, बिगड़ी रहती है। इन दिनों पेड़ों की छंटाई के कारण शहर नर्क बन गया है। उल्हासनगर में बिजली की आवाजाही के कारण लोग परेशान हैं। एक दो घर की बिजली जाने पर जल्द मरम्मत नहीं की जाती। कई जगह के पोल देख-रेख के अभाव में खराब हो रहे हैं। बिजली विभाग की तरह-तरह की यातना के चलते पढ़ाई कर रहे बच्चों, हृदय रोगी, अन्य तरह के मरीज गर्मी से परेशान हो रहे हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि बिजली विभाग की बिगड़ी दशा को सुधारें, जिससे उल्हासनगर के लोग उल्हास के साथ जी सकें।

अन्य समाचार