अमिताभ श्रीवास्तव
अभी तो टेस्ट शुरू ही हुआ है। केवल टॉस जीता है और जो तीन विकेट जल्दी से गिरा दिए उसमें ही इतना मत उछलो क्योंकि अभी खेल बाकी है। ये पाकिस्तान की टीम नहीं है और न ही पाकिस्तान है, यह टीम इंडिया है और देश भी बहुत बड़ा है। यहां उसे पराजित कर देना अच्छे से अच्छे सिकंदरों के लिए टेढ़ी खीर है। हां, ये सच है कि रोहित, गिल और विराट का विकेट लेकर बांग्लादेश की टीम में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी, मगर क्रीज पर यशस्वी और ऋषभ पंत ने उन्हें जतला दिया कि अभी दूर है डगर पनघट की। जो टीम सिलेक्शन है वो इतना तगड़ा है कि बांग्लादेश को उसे तोड़ने में नानी याद आ जाएगी और यदि खुदा न खास्ता तोड़ दिया तो गेंदबाजी अटैक से उन्हें पार पाना लगभग कठिन है। लंच तक यशस्वी और पंत ने टीम को बढ़िया टेका देते हुए ८८ रन खाते में जुड़वा दिए और अभी केएल राहुल, जडेजा, अश्विन जैसे बल्लेबाज बचे हुए हैं, जो नींद हराम कर देंगे। बहरहाल, खेल दिलचस्प होने की पूरी रूपरेखा बन चुकी है।
मनु की पीठ पर टैटू का मतलब
ओलिंपिक में दो पदक जीतकर लानेवाली निशानेबाज मनु भाकर इन दिनों सबसे अधिक चर्चा में बनी हुई हैं। अब उनकी पीठ पर बने टैटू ने सबका ध्यान आकर्षित किया है क्योंकि यह टैटू उनकी मेहनत, संघर्ष और जीत के सफर की कहानी बयां करता है। उनके गर्दन के पीछे अंग्रेजी में बने इस टैटू ने सुर्खियां बटोर ली हैं। लिखा है ‘स्टिल आई राइस’। एक खिलाड़ी के तौर पर यह उनके सफर को दर्शाता है। यह एक प्रेरणादायक वाक्य है। मूलरूप से यह अप्रâीकी महिला कवयित्री माया एंजेलो की एक कविता की पहली पंक्ति है। ‘मुझे जमीन पर गिरा दो, मैं फिर से उठूंगी’ इस पंक्ति का अर्थ है। टैटू के बारे में उन्होंने कहा- ‘मुझे नहीं पता था कि ये किसके शब्द हैं, लेकिन अब ये मेरे हैं।’ जनवरी २०२२ में उन्होंने इन शब्दों को स्थायी रूप से अपनी गर्दन के पीछे गुदवा लिया, जहां यह आसानी से दिखाई नहीं देता है।
घर में आखिरी कदम
क्या घर में यह आखिरी कदम है? क्या अब कभी घर में नहीं दिखेंगे? जी हां, यह सवाल हर उस आर. अश्विन के पैंâस के दिमाग में कौंध रहा है जो उनके होम ग्राउंड पर उन्हें खेलते हुए देख रहे हैं। संभव है कि अश्विन अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल रहे हैं। हो सकता है वो संन्यास की घोषणा कर दें? टीम इंडिया और बांग्लादेश के बीच खेले जानेवाले दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जा रहा है। यह मुकाबला स्पिनर रविचंद्र अश्विन के लिए खास है क्योंकि शायद यह आखिरी बार होगा जब अश्विन अपने होम ग्राउंड पर टेस्ट मैच खेलते हुए दिखाई देंगे। ३९ वर्षीय अश्विन का चेपॉक में बेहतरीन रिकॉर्ड है, लेकिन इस मैदान पर तीन साल में एक बार टेस्ट मैच खेला जाता है। ऐसे में अब जब भी अगला मुकाबला खेला जाएगा अश्विन ४१ के हो चुके होंगे। ऐसे में यह संभावनाएं लगभग तय हैं कि अश्विन इसके बाद शायद ही यहां खेल पाएंगे। अश्विन ने इस स्टेडियम में चार मुकाबले खेले हैं। इस दौरान उन्होंने २३.६० की औसत से ३० विकेट झटके हैं। बतौर बल्लेबाज भी अश्विन ने चेपॉक में अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने यहां ३८.१६ की औसत से २२९ रन भी बनाए हैं।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)