अमिताभ श्रीवास्तव
पूरे फाइनल और उसके पुरस्कार समारोह के बीच जो एक वाकया हुआ उसने न केवल क्रिकेट दुनिया का दिल जीत लिया, बल्कि वो भविष्य की जिम्मेदारी के लिए भी बहुत बड़ा प्यार साबित हुआ है। यह वो क्षण था, जब भावनाएं प्रमुख बनी थीं। वो सारी अफवाहें, विवाद जो आईपीएल में बनी उन सबका तिरोहित हो जाना था, क्योंकि बीच इंटरव्यू में आकर रोहित शर्मा द्वारा हार्दिक पंड्या को चूमना इस बात का संकेत था कि हार्दिक ही था, जिसने रोहित का असल में साथ दिया अन्यथा फाइनल का यह क्षण देखने को नहीं मिलता। रोहित जैसे कप्तान कभी नहीं मिलेंगे। पहला और एकमात्र ऐसा कप्तान है, जिसने खिलाड़ी सदस्यों के साथ-साथ दर्शकों को भी हाथ जोड़कर धन्यवाद अर्पित किया, जिसने अपने दोस्त, अपने जूनियर हार्दिक पंड्या को बीच मैदान जाकर चूम लिया। ये वाकया तब हुआ जब हार्दिक पंड्या मैच के बाद तिरंगा झंडा लिए एक इंटरव्यू दे रहे थे। जीत की खुशी में कप्तान रोहित शर्मा भी वहां जा पहुंचे और हार्दिक पंड्या को चूमते हुए गले से लगा लिया। ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। क्रिकेट फैंस इस वीडियो पर जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इससे बेहतर भावनाओं से भरा क्षण और कहां देखने को मिलेगा जिसमें बड़े भाई की तरह प्यार देखने को मिला।
तिलंगो की विदाई
सैल्यूट के साथ विदा। यदि दो महान बल्लेबाज रोहित और विराट अंतर्राष्ट्रीय मैचों में नहीं दिखेंगे तो कोच राहुल द्रविड़ भी नहीं दिखेंगे। उन्होंने भी विदाई ले ली है, यानी तीन महान शख्सियतों का यह अद्भुत विदाई क्षण है, जब टीम और तिरंगा पूरे विश्व में लहरा रहा है। रोहित शर्मा के टी-२० इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा रन हैं। उन्होंने १५९ मैचों में ४,२३१ रन बनाए हैं। वह टी-२० में सबसे ज्यादा शतक जमानेवाले बल्लेबाज भी हैं। उन्होंने टी-२० इंटरनेशनल में पांच शतक लगाए हैं। रोहित ने दो बार टी-२० वर्ल्डकप जीता है। साल २०१० में जिम्बाब्वे के खिलाफ विराट कोहली ने हरारे में टी-२० डेब्यू किया था। वह अब तक १२४ टी-२० इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं और ४,११२ रन बनाए हैं। कोहली के नाम इस फॉर्मेट में एक शतक और ३७ अर्धशतक दर्ज हैं। कोहली इस दौरान ३१ बार नाबाद रहे हैं। टी-२० में उनका औसत ४८.२२ का रहा है। वह इस फॉर्मेट में ४ विकेट भी हासिल कर चुके हैं। द्रविड़ ने टीम इंडिया को २०२३ एशिया कप का चैंपियन बनवाया लेकिन बड़े आईसीसी टूर्नामेंट में हार ही मिली। टेस्ट विश्व चैंपियनशिप २०२३ का फाइनल, वनडे वर्ल्डकप २०२३ का फाइनल हारे, जबकि टी-२० वर्ल्डकप २०२२ के सेमीफाइनल में नाकाम रहे और इसी तरह एशिया कप २०२२ में भी फाइनल तक नहीं पहुंच सके थे। लेकिन राहुल द्रविड़ के कोचिंग कार्यकाल का आखिरी दिन कमाल रहा। टीम इंडिया टी-२० वर्ल्डकप जीती और अब वो वर्ल्ड चैंपियन कोच कहलाए जाएंगे।
किसकी वजह से जीते?
जबसे हिंदुस्थान विश्वकप फाइनल जीता है क्रिकेट जगत में तरह-तरह की बातें हो रही हैं। कोई कह रहा इंडिया सूर्यकुमार के कैच से जीता है तो कोई कह रहा है अक्षर के उन ४७ रनों से जीता जो विराट कोहली के साथ बनाए थे। कोई कह रहा रोहित की कप्तानी के कारण जीता तो कोई कह रहा बुमराह की गेंदबाजी के कारण जीता। कोई यह भी कह रहा है कि विराट के रहते जीत दर्ज हो पाई तो कोई कह रहा अर्शदीप के १९वें ओवर के कारण फाइनल जीते। कोई कोच राहुल द्रविड़ के कारण विजयश्री बता रहा है तो कोई हार्दिक पंड्या के आखिरी ओवर को दिमागी ओवर बता रहा है। दरअसल, टीम इंडिया किसी एक कारण से नहीं जीती है बल्कि पूरी टीम इसकी हकदार है। अव्वल किसी भी जीत के लिए जो जरूरी एलिमेंट होता है वो है कप्तान को टीम सदस्यों का साथ। रोहित शर्मा ने जब यह कहा कि लड़कों ने मेरा साथ दिया तो कई सारी बातें खुलकर सामने आ खड़ी हुईं। ये जो साथ देने की बात है वो होती है जीतने की इच्छा शक्ति से, जिद से और अपना शत-प्रतिशत देने से। टीम के हर एक खिलाड़ी ने अपना पूरा योगदान दिया है। पंत को भूल नहीं सकते, कोहली को नजरअंदाज किया ही नहीं जा सकता। शिवम दुबे की आलोचना भले हो, मगर फाइनल में उनकी भागीदारी अहम रही। कुलदीप यादव को परे रख ही नहीं सकते। जडेजा को कैसे भूल सकते हैं। कुल मिलाकर टीम का कोई एक खिलाड़ी महत्वपूर्ण बनकर नहीं निकला, बल्कि पूरी टीम महत्वपूर्ण बनी और विजेता ऐसे ही बना जा सकता है।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)