अमिताभ श्रीवास्तव
आज किसी भी कीमत पर एक ऐसा इतिहास दरकने वाला है, जो अब तक बड़ी शान से खड़ा हुआ था। सारे आकलन, सारी समीक्षाएं सारी सोच इस इतिहास के साथ दफन हो जानेवाली है, जो अब तक होता आया है। दिलचस्प यह कि जैसा कि कहते हैं क्रिकेट में कभी दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता तो आज दावे के साथ कहा जा सकता है, सिर्फ कहा ही नहीं बल्कि यह तो शत प्रतिशत हो जाना है। विश्वकप का एक इतिहास था कि कोई भी अजेय टीम ट्राफी नहीं चूम सकी है। अब तक जितनी भी टीम चैंपियन बनी हैं वो कोई न कोई लीग मैच हारकर फाइनल में पहुंची हैं। एक भी ऐसी टीम नहीं जीत सकी है, जिसने अपने हर मुकाबले जीतकर ट्रॉफी भी जीती हो। पर आज ऐसा नहीं होगा, आज अजेय टीम ही जीतनेवाली है और गारंटी के साथ। दरअसल, आज जिन दो टीमों में मुकाबला है दोनों ही टीम इस पूरे आयोजन में अपना कोई भी मैच नहीं हारी है। दक्षिण अफ्रीका और टीम इंडिया। दोनों ने अपने हर मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह बनाई है। यानी अब तो कोई एक को विजेता बनना ही है और जो भी बनेगा वो इतिहास को तोड़ ही देगा। है न मजेदार।
ये सिर्फ ठसक है
आखिरकार असफल होते रहने के बावजूद टीम इंडिया ने अपनी ओपनिंग जोड़ी में कोई फेरबदल नहीं किया। विराट कोहली पूरे टूर्नामेंट में असफल रहे हैं अब फाइनल बचा है और इस एकमात्र मैच में भी टीम प्रबंधन उन्हें बदलना नहीं चाहता। दरअसल, यह कोई रणनीति नहीं है बल्कि एक ठसक है, जो कोच व कप्तान में है। खुद यदि विराट से पूछा जाए तो वो भी चाहेंगे अपने पुराने क्रम पर खेलना। मगर उनमें भी अब ठसक भर चुकी है। इस एकमात्र मैच में वो बचाना चाहेंगे अपनी प्रतिष्ठा और यदि इसमें भी वो फेल हो गए तो टी-२० से संन्यास की दहलीज पर खड़े विराट का यह प्रदर्शन उनके पूरे करियर पर एक काले धब्बे के रूप में दिखाई देता रहेगा। आखिर ये ठसक क्यों है? आखिर क्या कारण है कि यशस्वी जायसवाल जैसे प्रतिभावान ओपनर को बेंच पर बैठाया गया? बहुत से प्रश्न हैं मगर जब टीम लगातार जीत रही हो तो ऐसे प्रश्नों के जवाब भी दब जाते हैं या फिर मिलते नहीं। मगर इसे कोई दिमागी खेल नहीं कहा जाएगा। यह केवल एक ठसक है जो टीम इण्डिया के लिए उचित नहीं है।
पगला गया है ये अंग्रेज
लगता है माइकल वॉन पगला गया है। अब तक जैसे पाकिस्तानी टीम पराजय के बाद मनगढंत आरोप लगाकर अपनी कुंठा छिपाने की कोशिश करती रही है ठीक वैसे ही ये अंग्रेज भी कर रहा है। इंग्लैंड के इस पूर्व कप्तान ने आईसीसी को आड़े हाथों लेकर आरोप लगाया है कि वो हिंदुस्थान को फायदा पहुंचा रही है। मैच शिड्यूल और स्थान को लेकर वॉन ने लिखा है कि आईसीसी हिंदुस्थान को फायदा पहुंचा रही है। `निश्चित तौर पर अफगानिस्तान का मुकाबला गुयाना में होना चाहिए था, लेकिन अब पूरा टूर्नामेंट इंडिया के लिए तैयार किया गया लगता है, तो यह बाकी टीमों के प्रति गलत है।’ वॉन इस बात को जानबूझकर दबा गया है कि टूर्नामेंट की पूरी रुपरेखा महीनों पहले तय हो जाती है कि कौन-सा मैच कहां होना है और कब होना है। सारे नियम पहले ही तय हो जाते हैं और जो हर टीम के लिए समान होते हैं। टीम इंडिया की जगह कोई भी टीम जीतते हुए फाइनल तक जाती तो उसके लिए भी समान स्थिति होती जैसे दक्षिण अफ्रीका के लिए भी है। मगर चूंकि इंडिया के प्रति नफरत जो भरी पड़ी है तो उसकी जीत चुभ रही है। और भ्रम फैलाया जा रहा है कि आईसीसी इंडिया को ज्यादा फायदा पहुंचाती है।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)