अमिताभ श्रीवास्तव
खेल में मजहबी कानून लागू हो जाए तो खेल नहीं रह जाता। खासकर, महिलाओं को ऐसे नियमों से अक्सर गुजरना पड़ता है। अब देखिए न, हिजाब पहनना अनिवार्य है कुछ देशों में। इसके खिलाफ महिलाएं आवाज भी उठा रही हैं मगर फिलहाल उनकी जीत कोसों दूर है। इधर महिला फुटबाल विश्वकप चल रहा है और इसमें हिजाब पहनकर खेलनेवाली एक महिला खिलाड़ी पहली ऐसी महिला बनी, जिसने हिजाब से सिर ढंक कर फुटबाल खेला। मोरक्को ने महिला विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता में दक्षिण कोरिया की टीम को १-० से पराजित करके इतिहास रचा। मोरक्को की डिफेंडर नोहेला बेनजिना इस मैच में हिजाब पहनकर उतरीं। वे पहली खिलाड़ी हैं, जिन्होंने सीनियर स्तर पर विश्व कप मैच में हिजाब पहना। वे ऐसा करनेवाली पहली खिलाड़ी बनीं। २५ साल की हैं नोहेला। फीफा ने साल २०१४ में धार्मिक कारणों से सिर ढंकने को मंजूरी दी थी। मोरक्को उन आठ टीमों में से एक है, जो इस साल महिला वर्ल्ड कप में डेब्यू कर रही हैं। जर्मनी के खिलाफ मोरक्को को ६-० से हार मिली थी।
क्रिकेटर नहीं रहे भुवनेश्वर
टीम इंडिया के स्विंग किंग कहलाने वाले भुवनेश्वर कुमार अब क्रिकेटर नहीं रहे। जी हां, उनकी एक छोटी-सी पहल ने पैंâस और आमजनों को भी सोच में डाल दिया कि क्या जल्द वो संन्यास लेनेवाले हैं? दरअसल, टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम बायो में ऐसा बदलाव किया है, जिससे चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। क्रिकेट पैंâस और भुवनेश्वर कुमार के चाहनेवाले अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। भुवनेश्वर कुमार के इंस्टाग्राम और ट्विटर हैंडल पर भी उनके रिटायरमेंट से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं। भुवनेश्वर कुमार ने अपने इंस्टाग्राम बायो में बदलाव करते हुए क्रिकेटर शब्द हटा दिया है। अब बायो में सिर्फ इंडियन ही लिखा हुआ है। यही बदलाव अब चर्चा का विषय बन गया है। भुवनेश्वर कुमार का यह बदलाव ट्विटर पर सुर्खियां बटोर रहा है और लोग लगातार उनसे रिटायरमेंट की बातें पूछ रहे हैं। बता दें कि भुवनेश्वर कुमार की उम्र ३३ साल है और जनवरी २०२२ के बाद से टीम इंडिया की वनडे टीम में शामिल नहीं हैं।
`सूर्य’ पर ग्रहण
यदि यह कहें कि सूर्य पर ग्रहण लग रहा है तो गलत नहीं होगा। ये सूर्य टीम इंडिया का है, जिसे टी-२० का धाकड़ बल्लेबाज कहते हैं, जिससे उम्मीद थी कि वह वन डे में भी कमाल करे। मगर उसने निराश किया। जी हां, बात सूर्यकुमार यादव की है। एक अच्छे मौके को गवां देनेवाले खिलाड़ियों में सूर्यकुमार का भी नाम है। संजू सैमसन तो हैं ही, जिन्होंने मुश्किल से मिले मौके को भी गंवाकर यह साबित कर दिया कि टीम में उनका रहना जरूरी नहीं है। सूर्या से भी उम्मीद थी। वसीम जाफर तो कहते हैं कि मुझे लगता है कि उन्हें तीसरे वनडे में एक और मौका मिलेगा और शायद यह आखिरी हो। फिर केएल (राहुल) और श्रेयस अय्यर आ सकते हैं (चोटों से उबरने के बाद) और उनका टीम में आना मुश्किल होगा। वे जिस तरह से बल्लेबाजी करते हैं, उसमें वे बहुत जोखिम भरे विकल्प अपनाते हैं। वे बॉउंड्री पार करना चाहते हैं, कभी-कभी इसी वजह से उन्हें अपना विकेट गंवाना पड़ता है। हर बॉल को बाउंड्री पार कराने की मानसिकता वाले खिलाड़ी पर भरोसा जताना ही अनुचित है। इसलिए लगता है सूर्य का वनडे से पत्ता कट ही जाएगा।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)