मुख्यपृष्ठखेलक्लीन बोल्ड : कौन करेगा गोल्डविनर पर धन वर्षा?

क्लीन बोल्ड : कौन करेगा गोल्डविनर पर धन वर्षा?

अमिताभ श्रीवास्तव

यूं तो ओलिंपिक में गोल्ड विनर को उसका देश सिर आंखों पर बिठाता है। उसे तरह-तरह के पुरस्कार, सम्मान मिलते हैं, मगर इस बार एक देश उस पर धनवर्षा करने वाला है यानी दुनिया में सबसे ज्यादा नगद पुरस्कार मिलेगा, यदि वो गोल्ड जीतता है तो। जी हां, विजेता एथलीट्स जब अपने देश पहुंचता है तो उन्हें वहां सरकार से मिलने वाली नकद राशि ही उनका इनाम होता है। स्पांसर, राज्य सरकार, संस्थाओं को छोड़कर अगर केवल विभिन्न देशों की केंद्र सरकारों पर नजर दौड़ाई जाए तो भारत सरकार अभी गोल्ड मेडल विजेता को रिकॉर्ड ७५ लाख रुपए ऑफर कर रही है, जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका से ज्यादा है। अमेरिका जो ओलिंपिक इतिहास में सबसे ज्यादा मेडल लाने वाले देशों में से एक है, इस समय गोल्ड मेडल विजेता को सिर्फ ६१ लाख रुपए ऑफर कर रहा है। वहीं मेडल की चाहत में सर्बिया सरकार इस बार रिकॉर्ड बनाती हुई नजर आ रही है। उन्होंने देश से गोल्ड मेडल विजेता को रिकॉर्ड २.१५ लाख डॉलर यानी १.७९ करोड़ रुपए देने की घोषणा की है, जोकि ओलिंपिक इतिहास में किसी एथलीट को उसके देश की सरकार की ओर से दी जाने वाली सबसे बड़ी राशि है। केवल सर्बिया ही नहीं, मलेशिया और मोरक्को भी गोल्ड मेडल विजेता को करीब २ लाख डॉलर देने की ऑफर कर रही है।

चौकों की महारानी
देहात में चौका-रसोई घर को भी कहा जाता है और क्रिकेट में चौका बाउंड्री पार गेंद का जाना होता है। दोनों में ही जो अव्वल हो उसे महारानी कहने में कोई गलती नहीं होगी। क्रिकेट की ओपनर और खूबसूरत बल्लेबाज स्मृति मंधाना दोनों में आगे हैं। यदि वो क्रिकेटर नहीं होती तो एक शैफ होतीं, अब जब क्रिकेटर हैं तो बल्ले से गेंद को बाउंड्री पार करना उनका शौक है। एशिया कप के शुरुआती मुकाबले में पाकिस्तान को धूल चटाने वाली टीम इंडिया स्मृति की बदौलत टीम आसानी से जीत गई। अब यह बता दिया जाए कि इस मुकाबले से पूर्व महिला एशिया कप में सर्वाधिक चौके लगाने का खास रिकॉर्ड हिंदुस्थानी महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के नाम दर्ज था। उन्होंने टूर्नामेंट में ४१ चौके लगाए हैं, मगर पाकिस्तान के खिलाफ जारी सीजन के पहले ही मुकाबले में ९ चौके जड़ते हुए स्मृति मंधाना ने उन्हें पछाड़ दिया है। महिला एशिया कप में ४८ चौकों के साथ वह सर्वाधिक चौके लगाने वाली पहली बल्लेबाज बन गई हैं। मिताली राज ४० चौके के साथ तीसरे पर हैं, जिन्होंने संन्यास ले लिया है। उनके पीछे जेमिमा ३० चौकों के साथ हैं।

जड्डू पर भी तलवार
यदि यह सच है तो टीम इंडिया के लिए सुखद नहीं है। गौतम गंभीर के कोच बनते ही जो परिवर्तन हो रहे हैं और जिन बड़े खिलाड़ियों को एक तरह से बेइज्जत करके बाहर रखा जा रहा है, वह िंहदुस्थानी क्रिकेट के पतन की शुरुआत है। हमने पहले ही शिखर धवन जैसे खिलाड़ियों के करियर को देखा था, अब वही मार लगता है रविंद्र जडेजा जैसे दिग्गज ऑलराउंडर पर पड़ रही है। जड्डू को वन डे टीम में शामिल नहीं किया गया है। टी-२० से विश्वकप के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया था, मगर वन डे तो वो खेल ही सकते थे। इसके बावजूद उन्हें नहीं चुना गया। कहा जा रहा है कि गंभीर के कारण उन्हें बाहर रखा गया है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो बोर्ड ही जाने, िंकतु यह सरासर अन्याय है, किसी दिग्गज खिलाड़ी के साथ। पहले ही हार्दिक पंड्या, ईशान किशन, यजुवेंद्र चहल जैसों की प्रतिष्ठा दो कौड़ी की भी नहीं समझी गई, अब जडेजा के साथ यह व्यवहार उनके करियर पर तलवार जैसा ही है।

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

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