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कागजों की पिच पर किया क्लीन बोल्ड : बिना खेल हुआ ‘खेल’ … अलीगढ़ स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने धनराशि का किया गबन

• एक लाख की गेंद, सवा दो लाख का खाना, ८५ हजार की अंपायरिंग का खर्च
सामना संवाददाता / अलीगढ़
कोरोना काल में कागजों की पिच पर अलीगढ़ स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने बेहिसाब की गुगली फेंक दी। इस गुगली से जानकारों का हिसाब-किताब भी क्लीन बोल्ड हो गया। बिना खेल हुए ही मिली धनराशि का ‘खेल’ हो गया। बता दें कि कोरोना काल में अलीगढ़ स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने कागजों पर दिखाया कि एक लाख ३८ हजार रुपए की गेंद क्रिकेट मैचों में इस्तेमाल हो गई। सवा दो लाख का खाना खा लिया गया। ८५ हजार की अंपायरिंग और सवा लाख कोचिंग पर खर्च कर दिया गया। यही नहीं, एसोसिएशन से अलग को चुके और कोरोना संक्रमण में जान गंवाने वाले से वैâपिटल धनराशि भी ले ली गई। ऐसी ऑडिट रिपोर्ट कह रही है। ऑडिट रिपोर्ट के बाद कई सवाल उठ गए हैं। इसकी शिकायत यूपीसीए और बीसीसीआई से भी कर दी गई है। लेकिन इस मामले में सभी अधिकारी चुप्पी साध रखे हैं।
संदेह के दायरे में नेट, कुर्सियों का खर्च
जानकारी के अनुसार, १ अप्रैल २०२१ से ३१ मार्च २०२२ का खर्च उस समय का है, जब पूरी दुनिया में खेल की गतिविधियां न के बराबर हो रही थीं। २०२१ का ज्यादातर समय कोरोना के कहर में बीत गया था। जनवरी से कुछ क्रिकेट शुरू हुआ था तो क्या जनवरी से मार्च के बीच में ही लाखों का खर्चा कर दिया गया। एसोसिएशन के अनुसार, ७५ हजार रुपए अधिक की गेंद इस्तेमाल की गई है। सबसे चौंकाने वाला खर्च प्रशिक्षक के वेतन का है। प्रशिक्षक को एक लाख रुपए से अधिक वेतन दिया गया। प्रशिक्षक की जरूरत पर भी सवाल उठ रहे हैं। नेट, कुर्सियां और रोलर पर होने वाला खर्च भी संदेह के दायरे में है। इतना ही नहीं, बैलेंस शीट-२०२१-२२ पर एसोसिएशन के सदस्य पीयूष गुप्ता का भी जिक्र है, जिनका निधन ४ सितंबर २०१९ में हो गया था। इनके साथ मुताहिर जैदी ने एसोसिएशन से वर्ष २०१५-१६ में नाता तोड़ लिया था। दोनों के नाम के आगे कैपिटल राशि के रूप में १२,५०० रुपए अंकित हैं।
• कोरोना महामारी के चलते शासन ने १८ अप्रैल २०२२ से खेल गतिविधियां संचालित की थी। मार्च २०२० से लॉक डाउन लग गया था। जुलाई २०२१ में स्टेडियम को सोशल डिस्टेसिंग के साथ खोलने का आदेश हुआ था। फिर स्टेडियम बंद हो गया था। ऐसे में कोई खेल गतिविधियां नहीं हुई। अगर इस बीच कोई मैच हुआ या प्रतियोगिता हुई तो शासनादेश की अवहेलना है।
-राम मिलन, जिला क्रीड़ा अधिकारी

ये हैं खर्च
क्रिकेट नेट १६,२४५.२०
ग्राउंड सामान ६६,५५८.८७
लेदर बॉल १,३८,६०१.१५
अंपायर ८५,७००
पर्यवेक्षक ७०,०००
खाना २,२४,३६०
ग्राउंडमैन १,०८,०००
प्रशिक्षक १,२८,०००

कोरोना महामारी में कैसे हुआ मैच?
कोरोना महामारी का प्रकोप २०२०-२०२१ तक रहा। एएमयू जैसा संस्थान फरवरी २०२२ में चरणबद्ध तरीके से खुला। खेलो इंडिया के तहत अप्रैल २०२२ में प्रतियोगिताएं शुरू हुईं। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर अलीगढ़ स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने १ अप्रैल २०२१ से ३१ मार्च २०२२ तक क्रिकेट मैच प्रतियोगिता कैसे करा दी? जबकि यूपीसीए जिले के एसोसिएशन को पहली किस्त में तीन लाख रुपए देती है। जब पक्का हिसाब-किताब एसोसिएशन यूपीसीए को भेज देती है, तब दूसरी किस्त के रूप में दो लाख रुपए यूपीसीए फिर भेजती है।

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