अमिताभ श्रीवास्तव
विवादित पहलवान और काफी दिनों से अखाड़े से दूर रही विनेश फोगाट ने आखिरकार ओलंपिक कोटा हासिल कर ही लिया। जी हां, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की चैंपियन विनेश फोगाट ने एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर में महिलाओं के ५० किग्रा सेमीफाइनल में कजाकिस्तान की लौरा गनिक्यजी को १०-० से हराकर महिला ५० किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा अर्जित किया। अब उनका मुकाबला उज्बेकिस्तान की अक्तेंगे क्यूनिमजेवा से होगा, जिन्होंने चीनी ताइपे की मेंग ह्सुआन हसीह को ४-२ से हराया। विनेश काफी दिनों से खेल से बाहर थीं। लगभग दो साल से डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। उन्होंने दो भार वर्गों में ट्रायल में भाग लिया और एशियाई ओलंपिक क्वालीफिकेशन में भाग लेने के लिए ५० किलोग्राम का ट्रायल जीता। राउंड १६ में दक्षिण कोरिया की चेओन मिरान को १०-० से हरा दिया। कंबोडिया की दित समनांग के खिलाफ उनके क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने एक और जीत हासिल की। विनेश ने ५० किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा की, जो उनकी सामान्य पसंद ५३ किग्रा से अलग है।
धुकधुकी हर दिल में है
दरअसल, टीम इंडिया का सिलेक्शन करना अब बड़ा मुश्किल काम हो गया है क्योंकि इतने सारे खिलाड़ी हैं, जिसमें से किसे शामिल करें किसे नहीं, समस्या यह है कि सब एक से बढ़ कर एक हैं। फिर भी करना तो है और यही वजह है छोटे बड़े सभी क्रिकेटरो के दिल में धुकधुकी बनी हुई है। हालांकि, विराट कोहली को सेलेक्टरों ने वैकल्पिक ओपनर की भूमिका के लिए राजी कर लिया है। लेकिन इसके बावजूद सवाल बराबर हैं कि रोहित के साथ दूसरा ओपनर कौन होगा। वर्तमान फॉर्म के आधार पर विराट को बतौर विकल्प रखते हुए मिड्ल ऑर्डर में नंबर तीन पर सूर्यकुमार यादव, फिर ऋषभ पंत और फिर नंबर पांच पर हार्दिक पंड्या फिट होते दिख रहे हैं। इसके बाद नंबर छह और सात पर दो फिनिशर होंगे, जिसमें एक ऑलराउंडर की भूमिका में दिखाई पड़ेगा और यह जगह रवींद्र जडेजा को जाती दिख रही है। अगर टीम ऊपर बताए गए खिलाड़ियों के हिसाब से रही, तो शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और ईशान किशन के लिए हालात मुश्किल हो चले हैं। रियान पराग, संजू सैमसन और शिवम दुबे जैसे परफॉरमरों को नजरअंदाज नहीं कर सकता कोई। कहा जा सकता है कि रोहित और विराट के रूप में फॉर्म के आधार पर दो ओपनर तो पक्के हो चुके हैं, लेकिन आपीएल के चार बड़े सितारों पर विश्व कप टीम से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है।
मुगुरुजा का संन्यास
वो टेनिस की सनसनी थी, कोर्ट में तूती बोलती थी, मगर अब खेलने नहीं उतरेगी। जी हां, पूर्व वर्ल्ड नंबर एक खिलाड़ी गार्बाइन मुगुरुजा ने ३० साल की उम्र में ही पेशेवर टेनिस से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने ये पैâसला लंबे समय से टेनिस से दूर रहने की वजह से किया है। मुगुरुजा २०२३ जनवरी से टेनिस नहीं खेली हैं। उन्होंने शनिवार को मैड्रिड में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुझे लगता है कि अब संन्यास लेने और अपनी जिंदगी में एक नया अध्याय खोलने का समय आ गया है। विलियम्स बहनों को ग्रैंड स्लैम फाइनल में हरा चुकी हैं। मुगुरुजा विलियम्स बहनों को ग्रैंड स्लैम फाइनल में हराने वाली इकलौती खिलाड़ी हैं। उन्होंने साल २०१६ में फ्रेंच ओपन के फाइनल में सेरेना विलियम्स को और २०१७ में विम्बलडन फाइनल में वीनस विलियम्स को हराया था। वहीं स्पेनिश खिलाड़ी मुगुरुजा के नाम १० करियर खिताब है। वह २०१५ विम्बलडन तथा २०२० आस्ट्रेलियाई ओपन में उप विजेता रही थीं।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)