मुख्यपृष्ठखेलक्लीन बोल्ड : सिलेक्टर्स को लिया आड़े हाथ

क्लीन बोल्ड : सिलेक्टर्स को लिया आड़े हाथ

अमिताभ श्रीवास्तव

एक बार फिर गौतम गंभीर अपने बयान के कारण सुर्खियों में हैं। इस बार चयनकर्ताओं को उन्होंने आड़े हाथों लिया है। यह एक बड़ा खुलासा है। दरअसल, अश्विन से बातचीत में गंभीर ने कहा, `जब मैं बड़ा हो रहा था, शायद उस समय मैं १२ या १३ साल का था, तब मैंने अपने पहले अंडर-१४ टूर्नामेंट के लिए प्रयास किया तो मेरा चयन नहीं हुआ क्योंकि मैंने चयनकर्ता के पैर नहीं छूए थे। तब से मैंने खुद से वादा किया कि मैं कभी किसी के पैर नहीं छुऊंगा और न ही किसी को अपने पैर छूने दूंगा।’ गंभीर ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, `मुझे याद है, अपने करियर में जब भी मैं असफल हुआ, चाहे वह अंडर-१६, अंडर-१९, रणजी ट्रॉफी में हो या यहां तक ​​कि मेरे इंटरनेशनल करियर की शुरुआत में, लोग कहते थे कि आप एक संपन्न परिवार से आते हैं, आपको क्रिकेट खेलने की जरूरत नहीं। आपके पास बहुत सारे विकल्प हैं, आप अपने पिता के बिजनेस में शामिल हो सकते हैं।’
फलोदी भी कंफ्यूज
ये फौलादी क्या है? वही सट्टेबाजार का एक नाम जो अक्सर अपनी भविष्यवाणी से सुर्खियों में रहता है। राजनीति हो या खेल फलोदी सट्टा अपनी भविष्यवाणी करता ही है। हालांकि, सट्टा कानून गलत है मगर सुर्खियों में तो रहता ही है। आईपीएल में कौन-सी टीम जीतेगी? पर फलोदी भविष्य आया है। राजस्थान रॉयल्स पर ८.५० रुपए का भाव चल रहा है, जो दूसरी टीमों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। ऐसे में मार्वेâट के इतिहास के अनुसार, राजस्थान के जीतने की उम्मीद काफी कम हो गई है। इसके बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर ५ रुपए का भाव लगा है। ऐसे में बेंगलुरु की उम्मीद भी कम हो गई है। सबसे कम भाव सनराइजर्स हैदराबाद पर लगा है। हैदराबाद की टीम पर सट्टेबाजों ने १.७० रुपए का भाव लगाया है। ऐसे में फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक, सनराइजर्स हैदराबाद इस बार खिताब जीत सकती है। हालांकि, कोलकाता नाइट राइडर्स पर भी सिर्फ एक रुपए और ७५ पैसे का भाव लगा है। मतलब सनराइजर्स और नाइट राइडर्स के भाव में सिर्फ ५ पैसे का अंतर है, जो फाइनल के दिन तक घट या बढ़ सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि फलोदी सट्टा मार्वेâट भी कन्फर्म नहीं है कि कौन-सी टीम जीतेगी।
बौना हूं मगर आसमान छूता हूं
बौना होना कोई सचमुच छोटा होना नहीं होता। कद में छोटा होने के बावजूद आसमान छू लेने की ताकत रखना यानी रवि हो जाना। रवि यानि सूर्य और वाकई अपने नाम को चरितार्थ कर देने वाले इस इंसान ने आज अपनी प्रतिभा की रौशनी से दुनिया को दिखा दिया कि जज्बा क्या होता है। उनकी लंबाई सिर्फ ४.१ फीट है, भले ही दुनिया उसके बौनेपन को लेकर ताना कसती हो किन्तु रवि रोंगाली ने अपनी शारीरिक कमी को कमजोरी नहीं बनने दिया और पैरा एथलीट बनकर दुनिया को अपना दमखम दिखाया। हालांकि, उनकी राह आसान नहीं थी, लेकिन कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की बदौलत उन्होंने पैरालंपिक खेलों में प्रतिनिधित्व करने का अपना सपना भी पूरा किया। रवि ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शॉटपुट एफ-४० स्पर्धा में पेरिस पैरालंपिक खेलों का कोटा हासिल किया है। २९ वर्षीय रवि का जन्म विशाखापत्तनम के चिरिकिवनिपालेम गांव में हुआ था। उनके माता-पिता किसान हैं और उनके पास खेती के लिए काफी कम जमीन है। लेकिन, बेटे को अंतर्राष्ट्रीय एथलीट बनाने के लिए उन्होंने काफी सहयोग किया और आज परिणाम सामने है।

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

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