अमिताभ श्रीवास्तव
टीम इंडिया की महिला विंग अब दुनिया में अपने जलवे बिखेर रही है। यही वजह है कि महिला क्रिकेट भी धीरे-धीरे अपना रोमांच बिखेरने लगा है और बोर्ड महिला खिलाड़ियों को भी पुरुषों के स्तर पर ला खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध हुआ है। देश के अलग-अलग हिस्सों से महिलाएं क्रिकेट खेलने के प्रति रूचि रखने लगी हैं। केरल की पहली महिला क्रिकेटर बनी मिन्नू जब दिल्ली वैâपिटल्स की ओर से उन्हें वीपीएल खेलने को मिला। मिन्नू ऑलराउंडर है और अपनी प्रतिभा के बूते ही अब उन्हें टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया है। ये टीम इंडिया ए है। इंडिया ए की कप्तान मिन्नू मजदूर माता-पिता की संतान है। मिन्नू मणि २४ साल की हैं और कुरचिया जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। माता-पिता मिन्नू के क्रिकेट खेलने को पसंद नहीं करते थे लेकिन मिन्नू घरवालों से झूठ बोलकर क्रिकेट खेला करती थीं। क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए ४२ किलोमीटर दूर चार बस बदलकर जाती थीं। वह १० साल की उम्र से ही क्रिकेट खेल रही हैं। जब वह ८वीं कक्षा में थीं, तब से ही उन्होंने क्रिकेट को गंभीरता से लेते हुए करियर बनाने का निर्णय लिया। और आज कप्तान बनाई गर्इं हैँ जो ७ अगस्त से होने वाली सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भिड़ेगी। वो भी एक कप्तान के रूप में।
शांत हो जाओ दोस्तों
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा हाल ही में एक कार्यक्रम के लिए अमेरिका गए थे। अमेरिका में जब वो आयोजन को संबोधित कर रहे थे तो एकदम से हॉल गूंजने लगा, जिसे सुनकर रोहित ने सबको शांत रहने को कहा। इस गूंज में रोहित का नाम नहीं था बल्कि स्टार्क का था। वही स्टार्क जिसकी गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाकर रख दी थी रोहित शर्मा ने। जी हां टी-२० विश्वकप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए हिटमैन ने तेज गेंदबाज स्टार्क को खूब धुना था। यह धुनाई स्टार्क आज भी याद करते हैं, केवल वही नहीं बल्कि क्रिकेट प्रेमियों को भी याद है तभी तो रोहित को देखकर हॉल गूंजने लगा। रोहित शर्मा जब स्टेज पर मौजूद थे तो वहां मौजूद पैंâस स्टार्क का मजाक उड़ाने लगे। जोर-जोर से मिचेल स्टार्क के नाम के नारे लगाने लगे। जिस पर भारतीय कप्तान ने सभी को हैरान करते हुए कहा, `शांत हो जाओ दोस्तों।’ उनका मानना था कि ऐसा मजाक मत उड़ाओ। रोहित सचमुच एक नेकदिल इंसान है जो अपने विरोधियों का भी मजाक उड़ता पसंद नहीं करते।
वॉर्नर के लिए दरवाजे बंद
रिटायरमेंट क्यों लिया, अब नहीं खिलाना। चाहे खेलने की इच्छा क्यों न हो। यह किस्सा है ऑस्ट्रेलिया के ओपनर डेविड वॉर्नर का। विश्वकप के बाद संन्यास ले लिया था मगर चैंपियंस ट्रॉफी खेलने की इच्छा जताई थी। पर उन्हें साफ-साफ कह दिया गया कि नहीं, अब संभव नहीं। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया की पुरुष टीम के मुख्य चयनकर्ता जॉर्ज बेली ने कहा है कि अनुभवी बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर को चैंपियंस ट्रॉफी २०२५ के लिए नहीं चुना जाएगा। डेविड वॉर्नर ने कुछ दिन पहले चैंपियंस ट्रॉफी खेलने की इच्छा जताई थी। लेकिन कोच बेली ने कहा है कि उन्हें इसके लिए नहीं चुना जाएगा। डेविड वॉर्नर ने कहा था कि वह २०२४ के पुरुष टी-२० विश्वकप के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए अपना करियर समाप्त कर देंगे, जब टीम सुपर आठ से बाहर हो गई थी। लेकिन उन्होंने २०२५ चैंपियंस ट्रॉफी में आखिरी बार खेलने का दरवाजा खुला रखा। पर यह दरवाजा भी बंद हो गया है।