मुख्यपृष्ठखेलक्लीन बोल्ड : उलटफेर वाला यूएस ओपन

क्लीन बोल्ड : उलटफेर वाला यूएस ओपन

अमिताभ श्रीवास्तव

टेनिस के ग्रेंड स्लेम टूर्नामेंट्स में यू एस ओपन लगता है उलटफेर वाला टूर्नामेंट बन गया है। यह पहले ही तय हो गया है कि पुरुष और महिला वर्ग में नया ही कोई विजेता देखने को मिलेगा। क्योंकि दिग्गज सारे हार चुके हैं। पुरुष वर्ग में जहां अल्कराज, जेकोविच जैसे हारकर बाहर हो गए वहीं महिला वर्ग में कोको गॉफ भी हारकर बाहर हो गईं। टेनिस ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन २०२४ सीजन के महिला सिंगल्स में डिफेंडिंग चैंपियन कोको गॉफ को उलटफेर का शिकार होना पड़ा। कोको गॉफ के अलावा इंडियन फैंस भी निराश दिखे क्योंकि मेन्स डबल्स में रोहन बोपन्ना और यूकी भांबरी भी हारकर बाहर हो गए हैं। २० साल की कोको गॉफ को चौथे यानी प्री-क्वार्टर फाइनल राउंड में हारकर बाहर होना पड़ा है। अमेरिकी टेनिस स्टार कोको गॉफ का मुकाबला हमवतन एमा नवारो से था। १२वीं रैंक एमा ने तीसरी रैंक कोको गॉफ को इस मुकाबले में ६-३, ४-६, ६-३ से करारी शिकस्त दी।

१५ नंबर १५ पदक
यह संयोग भी है और पेरिस ओलिंपिक में मात्र छ: पदक लेकर लौटे देश के लिए राहत भी कि उसके पैराओलिंपिक खिलाड़ियों ने पेरिस में ही यह लिखे जाने तक १५ पदक हासिल कर लिए हैं और पदक सूची में भी वो १५ वें नंबर पर हैं। यह गर्व का विषय है कि आज हमारा देश खेलों में आसमान छू रहा है, हमारे पैरा ओलिंपियन खिलाड़ी गजब ढा रहे हैं। हालांकि, इस सूची में चीन नंबर वन पर है तो ब्रिटेन दूसरे नंबर पर है। तीसरे पर अमेरिका और चौथे पर ब्राजील। हिंदुस्थान तीन गोल्ड, पांच सिल्वर और सात ब्रांज मैडल जीतकर १५ वें नंबर पर है। अभी और पदक जीतने की उम्मीदे है। सोमवती अमावस्या हमारे देश के लिए सोना-चांदी सबकुछ लेकर आई क्योंकि इस अकेले दिन आठ मेडल झोली में आए। भाला फेंक, बैडमिंटन और तीरंदाजी में कुल आठ पदक जिसमें दो गोल्ड मेडल हिंदुस्थान के नाम चमके।

जड्डू का किडनैप
थोड़े ही करूंगा
टीम इंडिया के बेहतरीन स्पिनर आर. अश्विन ने रविंद्र जडेजा को लेकर कहा कि अपने सिलेक्शन के लिए मैं उनका किडनैप थोड़े ही करूंगा। जी हां, टीम इंडिया के स्‍टार स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने अपने साथी खिलाड़ी रवींद्र जडेजा को लेकर बड़ा बयान दिया है। अश्विन ने स्पष्ट कहा कि अगर किसी टेस्ट में उन्‍हें और रवींद्र जडेजा को साथ नहीं खिलाया जाए और सिर्फ जड्डू को प्लेइंग इलेवन में रखा जाए तो इसमें जडेजा की नहीं, मेरी गलती है। क्योंकि ११ खिलाड़ी ही खेल सकते हैं। अगर मुझे नहीं खिलाया जाता है तो मुझे इस चीज पर काम करने की आवश्‍यकता है कि मैं और क्‍या बेहतर कर सकता हूं? मैं टीम इंडिया की प्‍लेइंग इलेवन में अपनी जगह बनाने के लिए रवींद्र जडेजा को किडनैप करके घर में थोड़े ही रख सकता हूं। दरअसल, टीम इंडिया में इतने खिलाड़ी दरवाजे पर दस्तक देने खड़े हो चुके हैं कि अब चयन करना बहुत कठिन हो गया है, ऐसे में पुराने दिग्गजों तक को बाहर रखना पड़ रहा है। अश्विन उन्हीं दिग्गजों में से एक हैं।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

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