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विधान परिषद चुनाव में कांटे की टक्कर …११ सीटों के लिए १४ उम्मीदवार

सामना संवाददाता / मुंबई
विधान परिषद की ग्यारह रिक्त सीटों के चुनाव के लिए १४ आवेदन दाखिल किए गए हैं। इसलिए ऐसा लग रहा है कि विधान परिषद चुनाव में कांटे की टक्कर होगी। इस चुनाव में उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि शुक्रवार है। ऐसे में चुनाव की वास्तविक तस्वीर आवेदन वापसी के दिन ही साफ होगी।
विधान परिषद के ११ सदस्यों का कार्यकाल २७ जुलाई २०२४ को समाप्त हो रहा है। इन ११ रिक्त सीटों के लिए १२ जुलाई को मतदान होना है। राजनीतिक गलियारों में इस चुनाव को लेकर चर्चा तेज है।
जीत के लिए २३ वोटों का कोटा
लोकसभा चुनाव में विधायकों के इस्तीफे और सदस्यों की मृत्यु के कारण विधानसभा की सदस्य संख्या फिलहाल २७४ है। परिणामस्वरूप विधान परिषद के इस चुनाव में चुने जाने के लिए उम्मीदवारों के वोटों का कोटा घटाकर २३ (२२.८४) हो गया है। विधानसभा में कुल ६५ विधायक हैं, जिनमें कांग्रेस के ३७, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के १५ और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के १३ विधायक हैं। क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी के शंकरराव गडाख ने शिवसेना के साथ मिलकर महाविकास आघाड़ी की ताकत ६६ कर दी है। महाविकास आघाड़ी को अपने तीनों उम्मीदवारों को चुनने के लिए ६९ वोटों की जरूरत होगी। तीन और वोटों के लिए महाविकास आघाड़ी समाजवादी पार्टी, एमआईएम, कम्युनिस्ट पार्टी और निर्दलीय विधायकों पर आधारित होगी। दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट बंट जाने के कारण कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रकांत हंडोरे हार गए थे। इसलिए संभावना है कि कांग्रेस अपनी उम्मीदवारी के लिए २३ से अधिक वोटों का कोटा तय करेगी।

शिवसेना के मिलिंद नार्वेकर का आवेदन
शिवसेना के मिलिंद नार्वेकर (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस की डॉ. प्रज्ञा सातव, शेकाप के जयंत प्रभाकर पाटील ने अपना पर्चा दाखिल किया है। वहीं भाजपा से पंकजा मुंडे, योगेश टिलेकर, डॉ. परिणय फुके, अमित गोरखे, सदाभाऊ खोत, शिंदे गुट से भावना गवली, कृपाल तुमाने, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) से राजेश विटेकर, शिवाजीराव गर्जे ने पर्चा दाखिल किया। ऐसे में ११ सीटों के लिए १४ आवेदन आने से विधान परिषद चुनाव में जोरदार टक्कर होने की संभावना है। दो निर्दलीय उम्मीदवार अजय सेंगर और अरुण जगताप ने भी आवेदन दाखिल किया है। उनके नामांकन पत्र पर दस विधायकों के हस्ताक्षर नहीं हैं।

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