एजेंसी / इंफाल
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जानेवाला पूर्वोत्तर में स्थित राज्य मणिपुर पिछले करीब ८० दिनों से हिंसा की आग में जल रहा है। सियासी लाभ उठाने गई मंसूबों के कारण भड़काई गई हिंसा के कारण अब सूबे में हैवानियत चरम पर पहुंच गई है। हाल ही में महिलाओं पर अत्याचार एव नग्न परेड का वीडियो वायरल होने के बाद पूरा देश में गुस्से में है। प्रधानमंत्री ने मुंह खोला लेकिन महज कुछ सेकंडों के लिए। देश का विपक्ष पीएम से सदन में बयान देने की मांग कर रहा है और उनसे अपनी बातें सुनने की अपील कर रहा है लेकिन विपक्ष को कोई प्रतिसाद नहीं दिया जा रहा है। इसी बीच मणिपुर के भाजपाई विधायक ने सनसनीखेज खुलासा करके हड़कंप मचा दिया है।
मणिपुर से भाजपाई विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने मणिपुर में हिंसा की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि उन ७९ दिनों के बारे में भूल जाइए, इतनी बड़ी हिंसा के लिए एक सप्ताह (प्रतिक्रिया देने के लिए) भी बहुत लंबा समय होता है। उनका मानना है कि पीएम मोदी की प्राथमिकताएं पूरी तरह से गलत हैं। एक साक्षात्कार में हाओकिप ने कहा, ‘इंटरनेशनल रिलेशन को नजरंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन जहां पर लोग मारे जा रहे हैं उस मामले को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने जनता के प्रतिनिधि के रूप में प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। मैं अभी भी स्थिति की गंभीरता से अवगत कराने के मौके का इंतजार कर रहा हूं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि ३ मई २०२३ को चिन-कुकी-मिजो-जोमी पहाड़ी आदिवासियों के खिलाफ मणिपुर की मौजूदा सरकार मौन रूप से समर्थन कर रही है। बहुसंख्यक मैतेई लोगों की ओर से शुरू की गई हिंसा ने पहले ही राज्य को विभाजित कर दिया है।