दीपक तिवारी / विदिशा
विदिशा जिले में चरनोई भूमि से अतिक्रमण हटाने की कलेक्टर रोशन कुमार सिंह की पहल की चहुंओर प्रशंसा हो रही है। केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर भोपाल के आलाधिकारी कलेक्टर की पीठ थपथपा चुके हैं। इसकी वजह गौशालाओं का अब नये स्वरूप में दिखना है। यह सब कलेक्टर की नवाचार पहल से संभव हो रहा है।
कलेक्टर सिंह ने विदिशा जिले में चरनोई भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस भूमि को गौशाला से संबद्ध कर नए सूत्रपात से जन भागीदारी की पहल को बढ़ावा दिया है। इससे विदिशा जिले की शासकीय गौशालाएं अब आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं। जिले में चरनोई भूमि से सबसे पहले अतिक्रमण हटाने की सख्त कार्रवाई बिना किसी भेदभाव से एक सुत्रीय मुहिम के रूप में क्रियान्वित की जा रही है। अतिक्रमण हटाने के बाद मुक्त कराई गई भूमि पर पुनः और कोई कब्जा न कर ले, इसके लिए इस भूमि को क्षेत्र की गौशाला से सीधे टाइअप करने के कार्यों के साथ-साथ सुरक्षा के दृष्टि कोण से अतिक्रमण विमुक्त भूमि सहजता से जन सामान्य जान सकें, इसके लिए चौतरफा तार फैंसिंग के कार्यों को मूर्तरूप दिया गया है।
ग्यारसपुर तहसील के ग्राम कंजेला में बालाजी गौ संरक्षण संस्थान द्वारा भी किए प्रयोग की ओर अनायास सभी का ध्यानाकर्षण हो रहा है। यहां गौशाला के संवर्धन संबंधी पैरामीटरों को बेहतर ढंग से पूरा कराया जा रहा है। पशुओं के लिए हरे चारे की पूर्ति के लिए अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि पर घास उत्पादन शुरू हो गया है, यहां 7 बीघा में बर्शीम घास लगाई गई है। उगने वाली घास चारे के रूप में उपयोग की जा सकेगी। इसके अलावा गौशाला में घायल पशुओं के उपचार पशु-चिकित्सक द्वारा किया जा रहा है, जबकि मृत पशुओं के लिए पृथक से संस्कार स्थान सुव्यवस्थित रूप से बनाया गया है, जो संभवतः अन्य गौशालाओं में देखने को नहीं मिलता है। गौशाला में उत्सर्जित प्रदार्थों के लिए भी आवश्यक प्रबंधों को सुनिश्चित किया जा रहा है। ग्यारसपुर एसडीएम ने बताया कि कंजेला ग्राम में चरनोई भूमि रकबा 1.297 हेक्टेयर अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।