सामना संवाददाता / नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी का ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है’ वाली टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी। उनकी दोषसिद्धि पर रोक के साथ, राहुल गांधी की सांसद के रूप में अयोग्यता भी अब स्थगित रहेगी। इस फैसले के बाद कांगेस ने ट्वीट कर कहा कि आ रहा हूं… सवाल जारी रहेंगे। राहुल की सजा पर रोक के बाद देश भर में कांग्रेसियों द्वारा जश्न मनाया जा रहा है।
कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक अपील लंबित है, तब तक सजा पर अंतरिम रोक रहेगी। कोर्ट ने आगे कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं, सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि राहुल को अधिक सावधानी रखनी चाहिए थी। राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि उन्हें सजा पर रोक के लिए आज एक असाधारण मामला बनाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच कहा कि वे जानना चाहता है कि राहुल को अधिकतम सजा क्यों दी गई। कोर्ट ने कहा कि अगर जज ने १ साल ११ महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी अयोग्य नहीं ठहराए जाते।
सिंघवी ने दी दलील
‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई दलीलें दी। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम ‘मोदी’ नहीं है और उन्होंने बाद में यह उपनाम अपनाया।
भाजपा को डर लगता है
प्रदेश महासचिव कांग्रेस विकास अवस्थी ने जश्न मनाते हुए कहा कि ये लोकतंत्र की बड़ी जीत है। भाजपा राहुल गांधी के तेवरों से बेहद डरी हुई महसूस कर रही है। संसद सत्र के दौरान राहुल गांधी ने जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी की दोस्ती को एक्सपोज किया था, उससे भाजपा असहज महसूस कर रही थी।