रामदिनेश यादव / मुंबई
भाजपा के अंधभक्त अपने नेताओं की बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं। जबकि विपक्ष के किसी भी नेता के प्रति भाजपा के नेताओं की बेबुनियाद, अपमानजनक और अनर्गल बयानबाजी आजकल आम बात हो गई है। कई बार अपने बेतुके बोल के कारण भाजपा के अंधभक्तों को मार भी खानी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला मुंबई के कांदिवली क्षेत्र से सामने आया है। रविवार को यहां यदुवंशियों के एक कार्यक्रम में कुछ भाजपाइयों ने यादव समाज के दिग्गज दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव व राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी, जिसके बाद वहां मौजूद यादव समाज भड़क गया और कार्यक्रम में भाजपाइयों की पिटाई हो गई।
गुस्साए लोगों ने की भाजपाइयों की कुटाई
इस कार्यक्रम में सपा समर्थक यादव एवं लालू के समर्थक यादवों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह सामाजिक कार्यक्रम है या फिर भाजपा का कार्यक्रम है। इस बात को लेकर कहासुनी और गाली-गलौज शुरू हो गई। वहां मौजूद लोगों के अनुसार, पूर्व नगरसेवक कमलेश यादव ने इस झगड़े को यह कहकर और हवा दी कि जिसे सुनना है वो रहे, नहीं तो जाए, इससे लोगों में और गुस्सा बढ़ गया। वीडियो में कुछ लोग भाजपाइयों से हाथापाई करते साफ नजर आए।
इस दौरान कई दिग्गज नेताओं के साथ हाथापाई व गाली-गलौज की गई। नाराज यदुवंशियों ने स्टेज पर चढ़कर हंगामा किया। इस दौरान कुर्सी-टेबल भी जमकर भेजे गए। बता दें कि कांदिवली के वृंदावन हॉल में आयोजित ‘यदुकुल पुनर्जागरण मिशन’ के तहत यदुकुल मार्गदर्शन व एकता सम्मेलन का आयोजन भाजपा के पूर्व नगरसेवक कमलेश यादव की अगुवाई में किया गया था। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव, मुलायम के रिश्तेदार व भाजपा नेता हरिओम यादव तथा राजेश यादव आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित थे। यदुकुल की एकता के उद्देश्य से कार्यक्रम किया गया था। कार्यक्रम सर्वपक्षीय यादव समाज के लोगों को महत्व देना था लेकिन स्टेज पर सिर्फ भाजपा और मिंधे गुट के समर्थक दलों के लोगों को ही तरजीह दी गई। इस वजह से भी यादव समाज के अन्य लोग नाराज थे।
‘मुलायम-लालू ने समाज के लिए कुछ नही किया’
बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के बीच डीपी यादव ने यादव समाज के हित में मुलायम और लालू यादव के योगदान को मानने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि मैं स्कूल चलाता हूं लगभग ५ हजार बच्चे पढ़ते हैं। उनके इस बयान पर लोगों ने सवाल किया कितने यादव हैं और उनसे शुल्क नहीं लिया जाता है क्या? जिससे डीपी तो चुप हो गए लेकिन मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार हरिओम यादव ने कहा कि यादव समाज के नेता कहे जानेवाले मुलायम सिंह यादव, लालू यादव और शरद यादव ने यदुकुल के लिए कुछ नहीं किया है। इसके अलावा उन पर परिवारवाद का गंभीर आरोप लगाया। जिसे वहां मुलायम व लालू यादव के समर्थकों में नाराजगी बढ़ गई।
इन वजहों से हुई लड़ाई
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में यदुकुल का नेता यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को न मानकर डीपी यादव को मानने के पक्ष में एक प्रस्ताव लाया जाना था। भाजपा नेताओं को इस साजिश की भनक लगते ही यदुवंशियों में नाराजगी पैâल गई।