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जमात के सदस्यों व अलगाववादी चेहरों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंधित करे आयोग – शिवसेना

कश्मीर में अलगाववाद के नापाक इरादों की नई लहर, मौन क्यों है मोदी सरकार?
जम्मू। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) जम्मू-कश्मीर ईकाई ने चुनाव आयोग से जमात-ए-इस्लामी जैसे प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों व अलगाववादी चेहरों के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने पर रोक लगाने की मांग की है। पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में प्रदेश इकाई प्रमुख मनीष साहनी ने कहा कि कश्मीर में शांति बहाली के बड़े-बड़े दावे करनेवाली केंद्र की मोदी सरकार तथा हिंदुओं की स्वयंभू ठेकेदार बनी भाजपा की नाक के ठीक नीचे प्रतिबंधित अलगाववादी संगठनों व चेहरे चुनाव मैदान में उतरकर अपने नापाक अलगाववादी एजेंडे को नए रूप में स्थापित कर समूचे सिस्टम को पटरी से उतार देने की तैयारी में हैं।
साहनी ने कहा कि अलगाववादी नेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जमात-ए-इस्लामी एक प्रतिबंधित संगठन है, जिस पर टेरर फंडिंग, आतंकवाद फैलाने जैसे गंभीर आरोप हैं। साहनी ने भाजपा नेताओं को जम्मू-कश्मीर में अमन बहाली, अलगाववाद पर अंकुश जैसे वादों की याद दिलाते हुए कहा कि अपने राजनीतिक फायदे को देखते हुए भाजपा नेताओ के मुंह से दही जम चुकी है।
साहनी ने जनता से कश्मीर में अलगाववाद व नापाक इरादों की नई लहर को कामयाब नहीं होने देने तथा निर्वाचन आयोग से जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों व विभिन्न पार्टियों की शरण ले चुके अलगाववादी चेहरों पर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने पर रोक लगाने की मांग की है। इस मौके पर महासचिव विकास बख्शी, उपाध्यक्ष बलवंत सिंह, संजीव कोहली, राजेश जडियाल, सुमित शर्मा मौजूद रहे।

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