सामना संवाददाता / मुंबई
कुछ लोग खुद को सुपरमैन समझते हैं लेकिन इस सुपरमैन के पैरों तले से बहुमत का शतरंज कॉमन मैन ने खींच लिया है। इसलिए हम मानते हैं कि कॉमन मैन ही सुपरमैन है। मोहन भागवत ने जो राय रखी है उस पर देश के साथ ही भारतीय जनता पार्टी को चिंतन करना चाहिए। इस तरह का जोरदार तीखा तंज शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कसा है।
उल्लेखनीय है कि इंसान को सुपरमैन बनने की लालसा होती है। इसके बाद वह भगवान भी बनने की कोशिश में लग जाता है। इस तरह का बयान आरएसएस के सर संघ चालक मोहन भागवत ने दिया था। इस बयान में भले ही मोहन भागवत ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन सोशल मीडिया पर उनका यह इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ ही था। इसे लेकर अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने भी इस पर अपनी राय रखी है। संजय राऊत ने कहा कि देश में एक ही व्यक्ति है, जो खुद को विष्णु का १३वां अवतार मानता है। उस व्यक्ति को लगता है कि उसी ने ही प्रभु श्रीराम की उंगली पड़कर उन्हें अयोध्या के राम मंदिर तक पहुंचाया है। उसे लगता है कि यदि वह नहीं होता तो अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हुई ही नहीं होती। वह व्यक्ति खुद को सुपरमैन समझता है। वह खुद को नॉन बायोलॉजिकल कहता है। वह देश की जनता को यह कहकर गुमराह करता है कि मुझे भगवान ने भेजा है। वह कहता है कि मैंने ही रूस-यूक्रेन युद्ध भी रोका। लेकिन वह व्यक्ति मणिपुर और जम्मू-कश्मीर में हिंसा नहीं रोक सकता। राऊत ने कहा कि मोहन भागवत ने भी उसी व्यक्ति के बारे में बात की है।
रेल मंत्री की भी ली खबर
उत्तर प्रदेश में गोंडा स्थित चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के १५ डिब्बे डिरेल होने से चार यात्रियों की हुई मौत पर रेलवे मंत्री की खबर लेते हुए संजय राऊत ने कहा कि अश्विनी वैष्णव ने जब से रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली है तभी से रेल दुर्घटनाओं का जैसे सिलसिला ही शुरू हो गया है। इन घटनाओं में अब तक ३०० निर्दोष यात्रियों की मौत हो गई है। यह आंकड़ा बहुत ही गंभीर है। संजय राऊत ने कहा कि सरकार बुलेट ट्रेन, मेट्रो और सुपरफास्ट ट्रेन ला रही है, लेकिन आम जनता जिस लोकल ट्रेन और पैसेंजर एक्सप्रेस से सफर करती है उसके परिचालन में जरूरी सिग्नल यंत्र और पटरी के सुधार में गंभीरता से काम नहीं कर रही है। सरकार बुलेट ट्रेन का दिखावा करते हुए भारी मात्रा में पैसा खर्च कर रही है। लेकिन लोकल और पैसेंजर ट्रेनों से यात्रा करनेवाले आम यात्रियों के लिए सरकार किसी तरह की भी योजना नहीं ला रही है। संजय राऊत ने हमला बोलते हुए कहा कि ४०० पार के आंकड़ों में फंसे होने के कारण उन्हें ३०० पार पहुंची रेलवे यात्राओं की मौतें नहीं दिखाई दी।
जहां जिसका प्रभाव व ताकत वह उसका निर्वाचन क्षेत्र
संजय राऊत ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे के लिए ९६-९६-९६ का फार्मूला इस्तेमाल किए जाने की खबरें सूत्रों के हवाले से चलाई जा रही हैं। लेकिन इसमें कोई भी तथ्य नहीं है। तीनों पार्टियां अपनी-अपनी सीटों की जांच कर रही हैं।
मुंबई, कोकण शिवसेना का गढ़
संजय राऊत ने कहा कि मुंबई में शिवसेना कितनी सीटों पर लड़ेगी इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन मुंबई हमेशा से ही शिवसेना का गढ़ रहा है। मुंबई मनपा, लोकसभा अथवा विधानसभा हो शिवसेना जीतती रही है। संजय राऊत ने कहा कि विदर्भ में कांग्रेस और पश्चिम महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिलती हैं। हर पार्टी का अपना प्रभाव और गढ़ होता है। संजय राऊत ने स्पष्ट किया कि मुंबई और कोकण में हमेशा से शिवसेना का प्रभाव रहा है और उसी के अनुसार सीटों का बंटवारा होगा।