सामना संवाददाता / नई दिल्ली
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें एएसएल स्तर की सुरक्षा प्रदान की है। उन्हें अबतक जेड प्लस की सुरक्षा मिल रही थी, जिसे एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) में अपग्रेड कर दिया गया है। मोहन भागवत को जो एएसएल लेवल की सुरक्षा प्रदान की गई है, वह देश के चुनिंदा लोगों को ही प्रदान की जाती है। भागवत अब सुरक्षा के मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के लेवल में पहुंच गए हैं। उधर भागवत की सुरक्षा को लेकर कहा जा रहा है कि यह उनकी चिंता है या निगरानी की जरूरत पड़ गई।
सूत्रों का कहना है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को एएसएल लेवल की सुरक्षा देने के पीछे उनका पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना भी बताया जाता है। बताया जाता है कि का योगी आदित्यनाथ को हटाने की खबरों के बीच उनसे मिलना मोदी को रास नहीं आ रहा है इसलिए सुरक्षा के बहाने भागवत पर नजर रखना असली मकसद है। एएसएल यानी एडवांस सिक्योरिटी लाइजन सुरक्षा उन्हीं लोगों को दी जाती है, जिन्हें अधिक खतरा होता है। यह सुरक्षा मिलने के बाद मोहन भागवत अब सामान्य हेलिकॉप्टर से यात्रा नहीं करेंगे, बल्कि विशेष रूप से तैयार हेलिकॉप्टर से ही यात्रा करेंगे। भागवत जहां भी जाएंगे, वहां पहले से जगह की जांच की जाएगी। एएसएल प्रोटोकॉल के तहत, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग सहित स्थानीय एजेंसियों को उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी होगी। इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित कर दिया गया है। जेड प्लस सुरक्षा में ५५ से ५८ सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाता है।
जिसमें १० से १२ एनएसजी के कमांडो भी शामिल होते हैं, जबकि वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा में ११ से १२ जवान तैनात होते हैं, जिसमें दो से ४ एनएसजी कमांडो को लगाया जाता है।