-महायुति के पसंदीदा ठेकेदार की डबल लूट
सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार के घोटालों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसी क्रम में महायुति सरकार ने सिडको की कोंढाणे जलाशय परियोजना में १,४०० करोड़ का महाघोटाला किया है। वर्तमान में यह सरकार मेघा इंजीनियरिंग कंपनी पर मेहरबान है। इसलिए इस कंपनी की जेब भरने के लिए यह महाघोटाला किया गया है। इस तरह का पर्दाफाश करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने सरकार के भ्रष्ट कामकाज का चीरफाड़ कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने सिडको की इस जलापूर्ति परियोजना में हुए १,४०० करोड़ के घोटाले की जांच कराने की सरकार से किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार आने के बाद महायुति कार्यकाल के घोटालों की जांच कराएंगे।
चुनावी चंदा जुटा रही है सरकार
नेता प्रतिपक्ष वडेट्टीवार मुंबई स्थित सरकारी आवास प्रचितगढ़ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार मेघा इंजीनियरिंग को ठेके दे रही है। सरकार के पास किसान की ओर देखने का समय नहीं है, क्योंकि वह अपने लाडले ठेकेदारों की जेबें भरने और चुनावी चंदा इकट्ठा करने में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि इससे पहले इस जलाशय को लेकर मुंबई हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका अंजलि दमानिया ने दायर की थी। इस दौरान मूल ठेकेदार के काम करने के लिए तैयार था। इस वजह से उसे काम करने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि ३५ फीसदी काम के लिए मूल ठेकेदार को १०० करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। लेकिन अचानक सिडको को यह एहसास हुआ और सरकार ने यह रुख अपनाया कि यहां मिट्टी की जगह सीमेंट कंक्रीट का जलाशय बनाया जाना चाहिए। ३ सितंबर २०२३ को दोबारा टेंडर निकाला गया। इसमें ७०० करोड़ का काम बढ़कर १,४०० करोड़ हो गया।
तब तक नहीं समृद्ध होगा महाराष्ट्र
महायुति सरकार घोटालों से नहीं थकती। महाराष्ट्र को लूटने और खाने का काम चल रहा है। इस सरकार के कितने भी घोटाले जनता के सामने पेश कर दिए जाएं, सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि महायुति सरकार गैंडे की खाल की तरह है। वडेट्टीवार ने महायुति के भ्रष्ट प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि जब तक इस सरकार को बाहर नहीं किया जाएगा, महाराष्ट्र समृद्ध नहीं होगा।
चुनावी बांड की सबसे बड़ी खरीदार है यह कंपनी
वडेट्टीवार ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस मेघा इंजीनियरिंग की सराहना करते हैं। ठाणे-बोरीवली सब-वे का काम भी इसी कंपनी को दिया गया है। इसके लिए हाल ही में हुई कैबिनेट में १८,८३८ करोड़ के खर्च को मंजूरी दी गई है। सवाल ये भी है कि इस प्रोजेक्ट की लागत १४ हजार करोड़ से १८ हजार करोड़ वैâसे हो गई। कंपनी ने सिंचाई, परिवहन, बिजली जैसे कई क्षेत्रों में अपने हाथ-पैर पैâलाए हैं। इस कंपनी को नागपुर का काम दिया गया है। पुणे रिंग रोड, बसों के निर्माण जैसे काम इसी कंपनी को दिए गए। यह कंपनी चुनावी बांड की सबसे बड़ी खरीदार है। इसलिए सरकार ने यह छूट प्रदान की है। पुणे रिंग रोड, नागपुर महानगर पालिका, समृद्धि, ठाणे-बोरीवली डबल टनल, ईवी बस उत्पादन इसी कंपनी को दिया गया है।