रमेश सर्राफ धमोरा / जयपुर
जयपुर नगर निगम की बैठक में मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के बीच जमकर हाथापाई हो गई। दोनों पार्टियों के पार्षदों ने एक-दूसरे के ऊपर अमर्यादित भाषा का उपयोग करने और गाली देने का आरोप लगाया है। मंगलवार को जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक चल रही थी। इस दौरान कांग्रेस के पार्षद राजेश गुर्जर एक प्रस्ताव पर अपनी बात रख रहे थे, तभी बीजेपी के पार्षद ने बीच में खड़े होकर कुछ कहा। इस दौरान दोनों के बीच जबरदस्त बहस हो गई और कांग्रेस और बीजेपी पार्षद वेल में आकर हाथापाई करने लगे। इसके बाद मेयर ने सभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
आज बैठक में आधे पार्षद भी नहीं पहुंचे। 150 पार्षदों के सदन में मेयर सहित 81 पार्षद मौजूद रहे। उप महापौर पुनीत कर्णावट के अलावा कई समितियों के चेयरमैन भी नहीं पहुंचे। कांग्रेस के 20 और बीजेपी के 50 पार्षद सदन में आए थे। आज बैठक में मुख्य एजेंडा वर्किंग कमेटियों को भंग करने से जुड़ा था। मेयर की तरफ से लाए गए इस प्रस्ताव का उद्देश्य सरकार और संगठन पर दबाव बनाना है। इस एजेंडे का भाजपा का एक धड़ा लगातार विरोध कर रहा है। संगठन तक भी अपनी बात पहुंचा चुका है। उसके बावजूद प्रेशर पॉलिटिक्स करते हुए इस एजेंडे को बैठक में शामिल किया गया था, लेकिन इस पर चर्चा नहीं हो सकी।
नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा के दूसरे दिन डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट, चेयरमैन सुखप्रीत बंसल, रश्मि सैनी, राखी राठौड़, विनोद चैधरी, चेयरमैन शील धाभाई, मीनाक्षी शर्मा, दुर्गेश नंदनी, चेयरमैन अरुण शर्मा,अरुण वर्मा,अभय पुरोहित, जितेंद्र श्रीमाली सदन में नही पंहुचे। इधर चेयरमैन भारती लख्यानी भी सदन छोड़कर चली गईं। इससे पहले 27 जनवरी को साधारण सभा के दौरान जयपुर ग्रेटर नगर निगम के बाहर जबरदस्त हंगामा हो गया था। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे सफाई कर्मचारियों ने तोड़फोड़ कर दी थी। गेट पर कचरा और कीचड़ डाल दिया था। पुलिस फोर्स ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा था। इसके बाद साधारण सभा को स्थगित कर दिया गया था।