उमेश गुप्ता / वाराणसी
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में व्याप्त अव्यवस्था, मंदिर प्रांगण स्थित पौराणिक अक्षयवट को काटे जाने और मंदिर में दर्शन-पूजन की व्यवस्था को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रविवार को जोरदार प्रदर्शन किया। जिला और महानगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रदर्शन मैदागिन स्थित स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा के पास से शुरू हुआ। प्रदर्शनकारी “हर हर महादेव” के उद्घोष के साथ मंदिर की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन बीच रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
इस दौरान पुलिस को अपना ज्ञापन सौंपते हुए महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे और जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल द्वारा कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में अक्षयवट की पूजा कर सियासी रोटियां सेंकीं, जबकि अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थित पौराणिक अक्षयवट को व्यापारी हितों के लिए कटवा दिया। उन्होंने इसे सनातन धर्म की अवहेलना और काशी की संस्कृति के साथ खिलवाड़ करार दिया।
इनका यह भी कहना था कि काशी के अक्षयवट की परंपरा सदियों पुरानी थी। यहां हनुमान जी का पूजन, सिंदूर लेपन, सुगंधित पुष्पों से श्रृंगार और लड्डू का भोग लगाया जाता था। अब इसे खंडित कर दिया गया है, और भाजपा सरकार इसे विकास के नाम पर जायज ठहराने की कोशिश कर रही है।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा धर्म को धंधा बना रही है। बाबा विश्वनाथ मंदिर भाजपा के लिए आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि राजनीति और धन उगाही का साधन बन गया है। काशी की सभ्यता और संस्कृति को पैरों तले रौंदने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को जनता को जवाब देना चाहिए।
इस प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, डॉ. राजेश गुप्ता, अनुराधा यादव, विकास कौंडिल्य, आरती सरोज, वकील अंसारी, मो. उज्जेर समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने काशी की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को बचाने के लिए संघर्ष करने की प्रतिबद्धता जताई।