सामना संवाददाता / भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने जन्मदिन के अवसर पर लाडली बहना योजना का शुभारंभ किया, वहीं कमलनाथ ने अपने सियासी दांव में भाजपा सरकार को मात देते हुए बहनों को मालामाल करने का एलान कर दिया। बता दें कि भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बहनों को एक हजार रुपए प्रति महीने दिए जाने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि निम्न और मध्यम वर्ग परिवार की बहनों को साल भर में १२ हजार रुपए दिए जाएंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जन्मदिन पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो बहनों को मालामाल कर दिया जाएगा। मध्य प्रदेश में निम्न और मध्यम परिवार की बहनों को सालाना १८ हजार रुपए मिलेंगे।
कांग्रेस देगी १,५०० रुपए प्रति महीने
इस योजना को विधानसभा चुनाव के पहले शिवराज सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और वोट बैंक बढ़ाने वाली योजना बताया जा रहा था, लेकिन ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस ने इसकी काट निकाल ली है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो महिलाओं के खाते में हर महीने १,५०० रुपए आएंगे। यानी साल भर में १८ हजार रुपए। कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर महिला सशक्तीकरण के लिए विश्व की सबसे बड़ी योजना को लागू किया जाएगा।
योजनाओं को टक्कर देगी कांग्रेस
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस की सरकार बनने पर १,५०० रुपए प्रतिमाह लाडली बहनों को देने का एलान करते हुए यह साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार की योजनाओं को कांग्रेस टक्कर देने जा रही है। कांग्रेस अपना वचन पत्र तैयार कर रही है। इस वचन पत्र में विद्यार्थियों से लेकर बुजुर्ग तक सभी को शिवराज सरकार की योजनाओं से ज्यादा लाभ मिलने का वादा करने की संभावना जताई जा रही है।
कर्जमाफी का भी हो सकता है एलान
कांग्रेस के वचन पत्र में कर्मचारियों को खुश करने के लिए पुरानी पेंशन और किसानों के लिए २ लाख रुपए की कर्ज माफी का भी एलान किया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में लाडली बहना योजना के शुभारंभ अवसर पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश भी की। उन्होंने कहा कि जब कमलनाथ की सरकार बनी थी, उस समय १५ महीने तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाडली लक्ष्मी योजना सहित अन्य महत्वाकांक्षी योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई थीं।