सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज की ३५ फीट ऊंची प्रतिमा अनावरण के आठ महीने बाद ही ढह गई, जिससे पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश फैल गया। राज्य की भ्रष्ट घाती सरकार ने महाराष्ट्र की पहचान और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान देश के प्रत्येक नागरिक की भावनाओं का अपमान है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने घाती सरकार के खिलाफ मुंबई में विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच पुलिस ने भी कई कार्यकर्ताओं की धरपकड़ की, वहीं कई वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने घर पर नजरबंद कर दिया।
कांग्रेस ने घाती सरकार पर ही छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि राज्य में भ्रष्ट सरकार की भूख इतनी बढ़ गई है कि उन्होंने शिवाजी महाराज की प्रतिमा को भी नहीं बख्शा। वे अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए नौसेना पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। इसी क्रम में कल यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई और पालघर के दौरे पर थे। इस दौरे से पहले ही मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगने की अपील की थी। साथ ही पार्टी ने शहर में ‘मोदी माफी मांगें’ लिखे पोस्टर भी लगाए थे। मुंबई कांग्रेस द्वारा पोस्टर लगाए जाने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ समेत कई वरिष्ठ नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया गया।