सामना संवाददाता / नई दिल्ली
भाजपा के ४०० पार नारे की इस लोकसभा चुनाव में भारी फजीहत हुई है। ४०० पार तो दूर इस बार भाजपा बड़ी मुश्किल से अपने सहयोगी पार्टियों के बल पर केंद्र में सरकार बनाने में सफल हो पाई है। वहीं दूसरी ओर इस लोकसभा चुनाव में दो `शहजादे’ यानी राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने भाजपा और मोदी पर भारी पड़ते नजर आए। कल ओम बिरला को दूसरी बार लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया है और वह एक बार फिर स्पीकर बन गए हैं। स्पीकर बनने के बाद सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को संविधान की याद दिलाई और विपक्ष की ताकत के बारे में बताते हुए सख्त तेवर भी दिखाए। साथ ही यह उम्मीद भी जताई है कि स्पीकर सदन में विपक्ष की आवाज को उठाने देंगे।
लोकसभा में अपने भाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के पास राजनीतिक ताकत है, लेकिन विपक्ष भी भारत की ही आवाज रखता है। इस बार विपक्ष की तााकत बीते चुनावों के मुकाबले ज्यादा मजबूत है। विपक्ष चाहेगा कि हम आपके साथ सदन को चलाने में पूरा सहयोग करें। राहुल ने आगे कहा कि अहम यह नहीं है कि सदन वैâसे चल रहा है।
`सत्ताधारियों को काबू में रखें, विपक्ष को बोलने का मौका दें’
अखिलेश यादव ने इस दौरान स्पीकर ओम बिरला पर तंज भी कसा और कहा कि मुझे लगा कि सदन में स्पीकर की कुर्सी ऊंची होगी, मैं किससे कहूं कि सदन की कुर्सी और ऊंची हो जाए। जहां ये नया सदन है, वहीं मैं आपकी पीठ के पीछे देख रहा हूं, पत्थर तो सही लगे हैं लेकिन कुछ दरार में मुझे कुछ सीमेंट अब भी लगा दिखाई दे रहा है। अध्यक्ष महोदय मुझे उम्मीद है कि आप जितना सत्ता पक्ष को सम्मान देंगे उतना ही विपक्ष का सम्मान करके हमें भी अपनी बात रखने का मौका देंगे।