-ट्रैफिक जाम के जंजाल से लोग परेशान
योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
मुंबई-अहमदाबाद हाईवे की दुर्गति से लोगों को भीषण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, एनएचएआई की तरफ से हाइवे को कंक्रीट का किया जा रहा है, लेकिन आगे-आगे हाइवे का कंक्रीटकरन किया जा रहा है और पीछे-पीछे टूट रहा है। हाइवे निर्माण के साथ ही उखड़ना शुरू हो गया। इससे लोगो में आक्रोश है। हाइवे पर रोजाना ट्रैफिक जाम तो हो ही रहा है, प्रदूषण भी से लोगों को बीमार कर रहा है। वाहन चालकों को एक घंटे की दूरी तय करने में ३ से ४ घंटे तक लग जाते हैं। जाम से इमर्जेंसी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। जाम की समस्या को लेकर अब तक कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन लोगों को उससे राहत मिलती नहीं दिख रही है।
हाईवे पर लग रहे ट्रैफिक जाम से छात्रों, एयरपोर्ट जाने वालों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और ऐम्बुलेंस में फंसे मरीजों को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए रोजाना मानो युद्ध लड़ना पड़ता हो।
बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाईवे के गुजरात बॉर्डर स्थित तलासरी से लेकर काशीमीरा के बीच लगभग १२१ किमी की दूरी है। एनएचएआई ५५३ करोड़ की लागत से हाइवे का कंक्रीटीकरन कर रहा है। इस कार्य का ठेका गुजरात की निर्मल बिल्ड इंफ़्रा प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। लेकिन कार्य इतना घटिया किया जा रहा है कि आगे-आगे हाइवे बनाया जा रहा है और पीछे-पीछे टूट रहा है।
जब से हाईवे पर कार्य शुरू हुआ है, तब से हाइवे पर भारी ट्रैफिक जाम लग रहा है। यह समस्या रोज बढ़ती जा रही है। इसके अलावा हाइवे पर उड़ रही धूल से पूरा हाइवे प्रदूषित हो रहा है। दुपहिया वाहन चालकों को धूल से काफी दिक्कत होती है। फिलहाल, हाईवे पर हो रहे घटिया काम की वजह से मुंबई अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग गांव की कच्ची सड़क जैसा ज्यादा नजर आ रहा है। लोगों ने घटिया कार्य का ठीकरा अधिकारियों और निर्माण का कार्य कर रही सरकार पर फोड़ा है। उनका कहना है कि वह जिम्मदार धीतराष्ट्र की मुद्रा में चुप्पी साधे हुए है।
लोगों का मानना है कि हाईवे के कंक्रीट कार्य अभी तक तो लगभग एक चौथाई ही हुआ है। हाइवे पर हो रहा कंक्रीट साल भी पूरा नहीं कर पाएगा और उखड़ जायेगा सच यह कि हाईवे निर्माण के जरिए जिम्मेदारों ने गुणवत्ता की धज्जियां उड़ा दी गई है और गुणवत्ता मानक निर्देशों को अपने पैरों तले रौंद दिया।
हाईवे के कंक्रीटकरण में गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मानक विहीन कार्य होने से हाईवे बनने बनते ही टूटने लगा है। हाईवे के निर्माण में जरूरी मशीनरी और सामग्री का इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा है। हाईवे पर जारी कार्य की वजह से हो रहे ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए बैरिकेडिंग भी नहीं की जा रही है, ताकि कोई भी वाहन चालक नियमों का उल्लंघन न करें। इसके साथ ही ट्रैफिक जाम वाली जगहों पर पुलिसकर्मी और वॉर्डन भी कम ही तैनात दिखते है। वहीं, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की स्थिति और गंभीर है।
-हरवंश सिंह, प्रवक्ता ऑल इंडिया वाहन चालक मालिक संघ