सामना संवाददाता / ठाणे
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ‘किफायती आवास’ योजना लागू की जा रही है और इस योजना को लागू करने के लिए ठाणे मनपा को बेतवाडे में सरकार से दो भूखंड प्राप्त हुए हैं। इस भूखंड पर पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनर) आधार पर निविदाएं आमंत्रित करने और डेवलपर्स नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है। इसी के तहत मनपा ने टेंडर जारी किया था। इसे दो बार बढ़ाया गया, लेकिन ठेकेदारों द्वारा प्रतिक्रिया न मिलने पर शर्तों में ढील दी गई। इसके बाद भी इस योजना को ठेकेदारों का प्रतिसाद नहीं मिलना एक समस्या हैं।
दो बार टेंडर बढ़ाने के बाद भी कोई रिस्पॉन्स नहीं
बता दें कि ठाणे मनपा सीमा में बेतवाडे में सरकार से प्राप्त दोनों भूखंडों पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ‘किफायती आवास’ उपलब्ध कराया जाना है। इस योजना के तहत मनपा क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लगभग १,४४१ लाभार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। १,२५३ लाभार्थियों को किफायती घर कम दरों पर उपलब्ध होंगे और शेष १८८ परियोजना प्रभावितों को २ लाख रुपए की वित्तीय हिस्सेदारी का भुगतान करके फ्लैट प्रदान किए जाएंगे। ये फ्लैट ३० वर्ग मीटर मैट एरिया के होंगे। इसके मुताबिक, अब इस काम का टेंडर पीपीपी के तहत मंगाया गया है। लेकिन टेंडर दो बार बढ़ाया गया, पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला, इसलिए अब समय सीमा तीसरी बार बढ़ाई गई हैं।
१६ से बढ़ाकर १८ फीसदी किया गया मुनाफा
मनपा ने यह एक्सटेंशन देते हुए कुछ शर्तों में ढील भी दी थी। इसके अनुसार, न केवल इमारतें बनाने वाले डेवलपर्स बल्कि सड़क और पुल बनाने वालों को भी मौका दिया जाएगा और उन लोगों को भी मौका दिया जाएगा जिनके पास काम का अनुभव है, ऐसा मनपा सूत्रों ने बताया है। साथ ही पहले इस स्कीम से डेवलपर्स को मुनाफा १६ फीसदी था, अब में इसे बढ़ाकर १८ फीसदी कर दिया गया हैं। अब मनपा २० प्रतिशत तक मुनाफा देने को तैयार है, इसलिए मनपा ने विश्वास जताया है कि अब प्रोजेक्ट को गति मिलेगी। लेकिन इतना कुछ करने के बावजूद यह बात सामने आई है कि इस टेंडर को कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। तो क्या यह योजना विफल हो जाएगी? इस मौके पर ऐसा सवाल खड़ा हो गया है। वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टेंडर दोबारा बढ़ा दिया गया है।