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मुख्यमंत्री के जिले में  ठेकेदार भुखमरी के कगार पर! …पेमेंट न मिलने तक काम बंद आंदोलन

सामना संवाददाता / मुंबई
ठाणे के सार्वजनिक निर्माण विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों ने कल सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है। ठेकेदारों को किए गए काम का पेमेंट न मिलने से ठेकेदारों ने कल से हड़ताल का हथियार उठा लिया है। चूंकि शिंदे सरकार ने पिछले दो वर्षों में ठेकेदारों को १९२ करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है, इसलिए ठेकेदार बिल पेमेंट सरकार द्वारा की गई देरी से परेशान हैं। ठेकेदारों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है।
राज्य सरकार के पास लाडली बहनों को खुश करने के लिए निधि है। लेकिन ठेकेदारों में कुछ महिलाएं भी हैं। तो क्या वे आपकी प्यारी बहनें नहीं हैं? प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मुख्यमंत्री से ये गुस्से भरा सवाल पूछा है। साथ ही, सरकार की ओर से बिल पेमेंट में की गई इस देरी से सभी ठेकेदार परेशान हैं और ठेकेदारों ने चल रहे कामों को जारी करने में असमर्थता जताई है। ठेकेदारों ने ठान ली है कि जब तक पेमेंट नहीं मिल जाता, वे नया टेंडर नहीं भरेंगे। साथ ही कुछ जगहों पर ठेकेदार दोहरे संकट में हैं, जहां जरूरी काम होता है उसे ठेकेदार कर देते हैं, लेकिन उसे बाद में मंजूरी नहीं मिलती।
स्नेहा तावड़े, सदस्य, महाराष्ट्र कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि हमें आश्चर्य है कि मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री एक ही जिले से होने के बावजूद हमें यह अन्याय सहना पड़ रहा है। इससे पहले कई बार ज्ञापन, धरना आंदोलन और अनुरोध के बावजूद सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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