सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को १८वीं लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने पर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार के पैâसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह संसदीय परंपरा के खिलाफ है। रमेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। रीति-रिवाज और परंपरा के मुताबिक, कोडिकुन्निल सुरेश का पूरा हक बनता है। मगर यह पूरी तरह से बुलडोजर मानसिकता है। सरकार पहले दिन से ही पंगा ले रही है।
जयराम रमेश ने कहा कि १८वीं लोकसभा में कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश और वीरेंद्र कुमार (भाजपा) दोनों ही अपना आठवां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। २०१९ में वीरेंद्र कुमार और २०१४ में कमलनाथ प्रोटेम स्पीकर बने थे। वीरेंद्र कुमार अब मंत्री बन गए हैं इसलिए उम्मीद थी कि के. सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाएगा, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।
रमेश ने कहा, ‘भाजपा ने बीजेडी से छह और भाजपा से सातवां कार्यकाल वाले सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। यह टकराव की राजनीति है। अभी वे (भाजपा) ‘बुलडोजर की राजनीति’ की मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं। पहले दिन से ही टक्कर लेना चाहते हैं। दिखाना चाहते हैं कि हम हुकूमत हैं। हालांकि, जनादेश प्रधानमंत्री के खिलाफ है। वे ( प्रधानमंत्री मोदी) अब ‘श्री ४००’ नहीं बल्कि ‘श्री २४०’ हैं।
प्रोटेम स्पीकर है क्या? यह दो दिन के लिए है। २६ जून को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होनेवाला है। २४ और २५ जून को सभी लोकसभा सदस्य शपथ लेंगे। इसकी अध्यक्षता प्रोटेम स्पीकर करता है।
-जयराम रमेश, कांग्रेस नेता